बीएसएफ के जवान शिशुपाल ने कांगो में शहादत से थोड़ी देर पहले ही पत्नी से की थी बात

बीएसएफ के जवान शिशुपाल ने कांगो में शहादत से थोड़ी देर पहले ही पत्नी से की थी बात

बीएसएफ के जवान शिशुपाल ने कांगो में शहादत से थोड़ी देर पहले ही पत्नी से की थी बात
Modified Date: November 29, 2022 / 08:02 pm IST
Published Date: July 28, 2022 2:51 pm IST

सीकर/जयपुर, 28 जुलाई (भाषा) अफ्रीकी देश कांगो में शहीद होने वाली सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के जवान शिशुपाल सिंह ने मंगलवार को शहादत से थोड़ी देर पहले ही अपनी पत्नी से बात की थी।

शिशुपाल राजस्‍थान के सीकर जिले के रहने वाले थे और इसी साल मई में संयुक्त राष्ट्र मिशन में शामिल हुए थे।

कांगो के नार्थ कीवू प्रांत के बुटेम्बो में 26 जुलाई को संयुक्‍त राष्‍ट्र शांतिरक्षकों पर हुए हमले में सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के हेड कांस्टेबल शिशुपाल सिंह और सांवला राम विश्नोई की जान चली गई थी। दोनों जवान मूल रूप से राजस्‍थान के रहने वाले थे।

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शिशुपाल के बड़े भाई मदन सिंह बगड़िया ने बृहस्‍पतिवार को ‘पीटीआई -भाषा’ से कहा, ‘‘ शिशुपाल ने मंगलवार को अपनी पत्नी से बात की थी और उसे कांगो की स्थिति के बारे में बताया था। उन्होंने बताया था कि प्रदर्शनकारियों ने कुछ समय पहले उनके तंबू जला दिए और पिछले 4-5 दिनों से स्थिति विकट है। मंगलवार को दोनों के बीच संक्षिप्त बातचीत के कुछ घंटे बाद ही शिशुपाल शहीद हो गए।’’

बीएसएफ में डिप्‍टी कमांडेंट मदन सिंह इस समय जैसलमेर में पदस्‍थापित हैं।

उन्‍होंने कहा, ‘‘ वहां हालात परेशान करने वाले थे। मुझे पता चला कि मंगलवार रात वहां कुछ बड़ा हो गया है। शिशुपाल का फोन भी नहीं आया था। बुधवार सुबह, हमें आधिकारिक तौर पर सूचित किया गया कि शिशुपाल शहीद हो गए हैं।’’

शिशुपाल सिंह के पिता झाबर राम और माता पार्वती देवी सीकर के लक्ष्मणगढ़ के पास बगडियों के बास गांव में रहते हैं, जबकि उनकी पत्नी कविता एक सरकारी शिक्षिका हैं और वर्तमान में जयपुर में तैनात हैं। वे प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रहे अपने बेटे के साथ जयपुर में रहती हैं, जबकि शिशुपाल की बेटी बेंगलुरू से एमबीबीएस कर रही है। शिशुपाल तीन भाइयों में सबसे छोटे थे। उनके एक और बड़े भाई मूल सिंह भी बीएसएफ में हेड कांस्टेबल हैं और वर्तमान में राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) में तैनात हैं।

शिशुपाल का पार्थिव देह शुक्रवार को यहां लाया जा सकता है। अंतिम संस्कार सीकर में उनके पैतृक गांव में किया जाएगा।

घटना में जानं गंवाने वाले बीएसएफ के दूसरे हेड कांस्टेबल सांवालाराम विश्नोई राजस्थान के बाड़मेर जिले के रहने वाले थे।

उल्‍लेखनीय है कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने कांगो में संयुक्त राष्ट्र शांतिरक्षकों पर हुए हमले की कड़ी निंदा की है, जिसमें भारत के दो और मोरक्को के एक शांतिरक्षक की मौत हो गई थी। भारत इस समय सुरक्षा परिषद का गैर-स्थायी सदस्य है और संयुक्त राष्ट्र शांतिरक्षक अभियानों में सबसे ज्यादा सैन्य योगदान देने वाले देशों में से है।

संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुतारेस ने भी 26 जुलाई के हमले की कड़ी निंदा की है और मारे गए लोगों के परिजन के प्रति संवेदना व्यक्त की है।

भाषा पृथ्‍वी गोला निहारिका

निहारिका


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