बीएसएफ सुंदरबन में घुसपैठ रोकने के लिये मरीन बटालियन और ड्रोन दस्ता बनाने की योजना
बीएसएफ सुंदरबन में घुसपैठ रोकने के लिये मरीन बटालियन और ड्रोन दस्ता बनाने की योजना
(नीलाभ श्रीवास्तव)
कोलकाता/नयी दिल्ली, 17 दिसंबर (भाषा) बांग्लादेश से लगती सीमा का सुरक्षा की जिम्मेदारी निभा रहे सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) ने रणनीतिक रूप से अहम और दलदली सुंदरबन मैंग्रोव इलाके की सुरक्षा सुनिश्चित करने एवं घुसपैठ और तस्करी रोकने के लिए 1,100 से अधिक कर्मियों वाली एक समुद्री बटालियन, लगभग 40 ड्रोन का एक दस्ता और ऑल-टेरेन वाहन (एटीवी) तैनात करने की योजना बनाई है।
आधिकारिक सूत्रों ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि योजना का खाका कोलकाता स्थित बीएसएफ की पूर्वी कमान ने तैयार किया है और केंद्रीय गृह मंत्रालय से अंतिम मंजूरी और वित्तीय मंजूरी का इंतजार है।
सुंदरबन, दुनिया का सबसे बड़ा मैंग्रोव वन क्षेत्र जो 100 से अधिक द्वीपों का एक द्वीपसमूह है। भारत में 9,630 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैला हुआ यह इलाका नालों, नदियों, ज्वारीय खाड़ियों और जलडमरुमध्य का एक जटिल तंत्र है। इसका बाकी का हिस्सा बांग्लादेश के अधीन आता है।
यह बंगाल की खाड़ी के किनारे गंगा, ब्रह्मपुत्र और मेघना नदियों के डेल्टा पर अवस्थित है।
एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, ‘‘सुंदरबन भारत-बांग्लादेश अंतरराष्ट्रीय सीमा पर एक रणनीतिक और महत्वपूर्ण क्षेत्र है। इसका प्रभावी नियंत्रण और सुरक्षा समय की मांग है क्योंकि ऐसी जानकारी मिली है कि इस मुश्किल जंगल और नदी क्षेत्र का उपयोग आतंकवादियों और अपराधियों द्वारा सीमा पार घुसपैठ के लिए किया जा सकता है।’’
अधिकारी ने कहा कि इसलिए बीएसएफ ने इसके लिए अपने कर्मियों की एक विशेष समुद्री बटालियन गठित करने तथा शक्तिशाली ड्रोन तैनात करने का फैसला किया है जो लंबी दूरी तक निगरानी कर सकते हैं और बेहतर गश्त के लिए इन क्षेत्रों तक पहुंचने के लिए कुछ एटीवी तैनात करने की योजना है।
एक अन्य अधिकारी ने कहा कि नयी बटालियन में 1,100 से अधिक प्रशिक्षित कर्मी होंगे और लगभग 40 बड़े ड्रोन और 12-14 एटीवी तैनात किए जाएंगे।
दूसरे अधिकारी ने कहा कि गृह मंत्रालय द्वारा प्रस्ताव को मंजूरी मिलने के बाद योजना पर आगे बढ़ा जाएगा।
बीएसएफ, वर्तमान में, लगभग 50 छोटे और बड़े स्पीडबोट और नौकाओं के बेड़े के साथ सुंदरबन क्षेत्र में गश्त करती है। नौका पर तैरती सीमा चौकी है जिन्हें बॉर्डर आउटपोस्ट (बीओपी) कहा जाता है।
बीएसएफ को भारत के पूर्वी हिस्से पर भारत-बांग्लादेश सीमा की संपूर्ण 4,096 किलोमीटर की सुरक्षा का काम सौंपा गया है। इसमें से 2,216.7 किलोमीटर लंबी सीमा पश्चिम बंगाल में है। इस 2,216.7 किलोमीटर में से 300 किलोमीटर सुंदरबन में नदी की सीमा है।
बल ने पश्चिम बंगाल सरकार को भी अपनी योजना के बारे में सूचित किया है और सुंदरबन में स्थित वन विभाग की उत्तर 24 परगना और दक्षिण 24 परगना जिलों में स्थित ‘चौकियों’ में अपने गश्ती दलों (पैदल गश्त पर तैनात कर्मियों) की एक छोटी टीम को तैनात करने की अनुमति मांगी है।
भाषा धीरज रंजन
रंजन

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