BSP on Haryana Election: मायावती ने ढूंढ लिया ‘हरियाणा हार’ का कारण.. EVM नहीं बल्कि इस वजह से पस्त हुआ BSP का हाथी, किया Tweet
BSP's big defeat in Haryana assembly elections बसपा का वोट प्रतिशत 2009 में 6.76 था जो अब गिरकर 1.82% फीसदी पर आ चुका है।
BSP's big defeat in Haryana assembly elections
चंडीगढ़: हरियाणा में विधानसभा चुनाव के नतीजे सामने आ चुके हैं। भाजपा यहां लगातार तीसरी बार सरकार बनाने जा रही है। संभावित हार के दावों के बीच पार्टी ने शानदार प्रदर्शन किया और 48 सीटों पर कब्ज़ा जमाया। विपक्षी दल कांग्रेस को 37 सीटों से संतोष करना पड़ा। (BSP’s big defeat in Haryana assembly elections) सबसे शर्मनाक प्रदर्शन आम आदमी पार्टी का रहा। केजरीवाल की पार्टी ने एक भी सीट नहीं जीती बल्कि 90 फ़ीसदी से ज्यादा सीटों पर पार्टी उम्मीदवारों की जमानत ही जब्त हो गई।
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इन नतीजों के बाद से कांग्रेस के खेमे में सन्नाटा पसरा हुआ हैं। पार्टी इस हार को स्वीकार करने के बजाये भाजपा पर आरोप लगा रही है। कांग्रेस नेताओं का दावा है कि भाजपा ने अनैतिक तरीके से चुनाव में जीत दर्ज की है। ईवीएम में धांधली की गई और चुनाव आयोग ने भी उनकी शिकायतों को नहीं सुना। उन्हें यकीन ही नहीं हो रहा कि सभी तरह के सर्वे, एग्जिट पोल और आकलन में कांग्रेस की सरकार बनती हुई दिखाई पड़ रही थी तो आखिर में नतीजों में ऐसा उलटफेर कैसे हो गया?
बहरहाल इस चुनाव में मायावती ने भी पूरा दमखम दिखाया था। बसपा ने हरियाणा विधानसभा चुनाव में इंडियन नेशनल लोकदल (इनेलो) से गठबंधन किया, लेकिन वह भी काम नहीं आया। गठबंधन के बावजूद बसपा यहां एक भी सीट नहीं जीत सकी और वोट प्रतिशत में भी बड़ी गिरावट आई है। (BSP’s big defeat in Haryana assembly elections) बसपा को यहां 1.82% वोट मिले हैं। पिछले विधानसभा चुनाव में बसपा का वोट प्रतिशत 4.21 था। बसपा का वोट प्रतिशत 2009 में 6.76 था जो अब गिरकर 1.82% फीसदी पर आ चुका है।
परिणाम जारी होने के बाद मायावती ने एक्स पर ट्वीट करते हुए अपनी हार की वजहों का खुलासा किया हैं। उन्होंने लिखा है, हरियाणा विधानसभा आमचुनाव बीएसपी व इनेलो ने गठबंधन करके लड़ा किन्तु आज आए परिणाम से स्पष्ट है कि जाट समाज के जातिवादी लोगों ने बीएसपी को वोट नहीं दिया जिससे बीएसपी के उम्मीदवार कुछ सीटों पर थोड़े वोटों के अन्तर से हार गए, हालांकि बीएसपी का पूरा वोट ट्रांसफर हुआ। मायावती ने आगे लिखा, जबकि यूपी के जाट समाज के लोगों ने अपनी जातिवादी मानसिकता को काफी हद तक बदला है और वे बीएसपी से एमएलए तथा सरकार में मंत्री भी बने हैं। हरियाणा प्रदेश के जाट समाज के लोगों को भी उनके पदचिन्हों पर चलकर अपनी जातिवादी मानसिकता को जरूर बदलना चाहिए, यह खास सलाह। बीएसपी चीफ ने लिखा, बीएसपी के लोगों द्वारा पूरी दमदारी के साथ यह चुनाव लड़ने के लिए सभी का हार्दिक आभार प्रकट करती हूँ व आश्वस्त करती हूँ कि उनकी मेहनत बेकार नहीं जाएगी। (BSP’s big defeat in Haryana assembly elections) लोगों को निराश नहीं होना है और न ही हिम्मत हारनी है, बल्कि अपना रास्ता खुद बनाने के लिए तत्पर रहना है। नया रास्ता निकलेगा।
1. हरियाणा विधानसभा आमचुनाव बीएसपी व इनेलो ने गठबंधन करके लड़ा किन्तु आज आए परिणाम से स्पष्ट है कि जाट समाज के जातिवादी लोगों ने बीएसपी को वोट नहीं दिया जिससे बीएसपी के उम्मीदवार कुछ सीटों पर थोड़े वोटों के अन्तर से हार गए, हालांकि बीएसपी का पूरा वोट ट्रांस्फर हुआ। 1/3
— Mayawati (@Mayawati) October 8, 2024

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