मुस्तफाबाद में ताश के पत्तों की तरह ढह गई इमारत, हादसे से लोगों में दहशत

मुस्तफाबाद में ताश के पत्तों की तरह ढह गई इमारत, हादसे से लोगों में दहशत

मुस्तफाबाद में ताश के पत्तों की तरह ढह गई इमारत, हादसे से लोगों में दहशत
Modified Date: April 19, 2025 / 06:01 pm IST
Published Date: April 19, 2025 6:01 pm IST

(श्रुति भारद्वाज)

(तस्वीरों के साथ)

नयी दिल्ली, 19 अप्रैल (भाषा) उत्तर-पूर्वी दिल्ली में शनिवार सुबह ढही इमारत के बगल में रहने वाले शिव विहार निवासी रयान ने कहा, “ऐसा लगा जैसे भूकंप आ गया हो। हमारे नीचे फर्श हिल गया और इससे पहले कि हम कुछ समझ पाते, सब कुछ धूल से ढक गया।”

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सुबह करीब तीन बजे मुस्तफाबाद की गली नंबर एक में चार मंजिला आवासीय इमारत ताश के पत्तों की तरह ढह गई, जिससे कई लोग मलबे में दब गए।

मलबे में दबे कुछ लोगों को तो जीवित बचा लिया गया लेकिन अन्य इतने भाग्यशाली नहीं थे।

एक अधिकारी ने बताया कि अब तक बचाव दल ने करीब 11 लोगों को जीवित बाहर निकाल लिया है। बचाव दल अब भी घटनास्थल पर काम कर रहा है। चार लोगों को मृत घोषित कर दिया गया है, जबकि कई लोग अब भी फंसे हुए हैं और बचाव अभियान जारी है।

रयान ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया, “हमने सोचा कि शायद हमारे घर पर कोई चीज गिर गई है, लेकिन जब हमने बाहर देखा तो हमारे बगल की पूरी इमारत मलबे में तब्दील हो चुकी थी।”

शहजाद अहमद ने अपने दो भांजों दानिश और नावेद को खो दिया, जो अपने माता-पिता – अहमद की बहन और बहनोई – के साथ तीसरी मंजिल के मकान में रहते थे। उन्होंने कहा, “मेरे दोनों भांजे परिवार के कमाने वाले सदस्य थे। वे पूरे घर का खर्च चलाते थे। अब वे चले गए।”

उनकी बहन और बहनोई की हालत गंभीर है। उन्होंने बताया, “मुझे सुबह चार बजे के आसपास फोन आया और मैं तुरंत घटनास्थल पर पहुंचा।”

एक अन्य निवासी सोनू अब्बास ने बताया कि उनकी बहन की मौत हो गई है, जिनका परिवार इमारत की चौथी मंजिल पर रहता था। उन्होंने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि जब उन्हें मलबे से निकाला गया तो वह जीवित थीं।

उन्होंने कहा, “वह उठी, उसने देखा कि उसके पति और बच्चे सुरक्षित हैं, और उसने उन्हें मलबे से बाहर निकालने में मदद की।” अब्बास ने कहा कि इसके बाद ही वह बेहोश हो गई और उसकी मौत हो गई।

उन्होंने बताया कि उसके दोनों बच्चे घायल हैं, जबकि पति की हालत गंभीर बनी हुई है।

कुछ निवासियों ने दावा किया कि भूतल पर चल रहे निर्माण कार्य के कारण ही इमारत ढह गई, जहां कथित तौर पर एक नयी दुकान बनाई जा रही थी।

उन्होंने आस-पास की इमारतों की संरचनात्मक स्थिति के बारे में भी चिंता व्यक्त की। सलीम अली ने कहा, “करीब चार से पांच इमारतें ऐसी ही नाजुक स्थिति में हैं।”

भाषा

प्रशांत माधव

माधव


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