बुलेट ट्रेन : रेलवे ने घनसोली-शिलफाटा सुरंग का काम पूरा किया

बुलेट ट्रेन : रेलवे ने घनसोली-शिलफाटा सुरंग का काम पूरा किया

बुलेट ट्रेन : रेलवे ने घनसोली-शिलफाटा सुरंग का काम पूरा किया
Modified Date: July 14, 2025 / 08:49 pm IST
Published Date: July 14, 2025 8:49 pm IST

नयी दिल्ली, 14 जुलाई (भाषा) रेल मंत्रालय ने सोमवार को कहा कि महाराष्ट्र में घनसोली और शिलफाटा के बीच बुलेट ट्रेन परियोजना के तहत समुद्र के अंदर 21 किलोमीटर लंबी सुरंग के पहले खंड का निर्माण कार्य पूरा कर लिया गया है ।

मंत्रालय ने यह भी कहा कि जापान सरकार ने 508 किलोमीटर लंबी मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन परियोजना में ई10 शिंकानसेन ट्रेनों को शामिल करने पर सहमति जताई है।

मंत्रालय की ओर से जारी प्रेस नोट में कहा गया, ‘‘बुलेट ट्रेन परियोजना ने एक बड़ी उपलब्धि हासिल की है। बीकेसी और ठाणे के बीच समुद्र के अंदर 21 किलोमीटर लंबी सुरंग के पहले खंड का काम पूरा कर लिया गया है। परियोजना के तहत हाल ही में 310 किलोमीटर ‘वायाडक्ट’ निर्माण का कार्य पूरा किया गया है।’’

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बयान में आगे कहा गया, ‘‘पटरियों का बिछाने, ओवरहेड विद्युत तारों का निर्माण, स्टेशनों और पुलों का काम तेजी से चल रहा है। महाराष्ट्र में भी निर्माण कार्य ने गति पकड़ी है। साथ ही संचालन और नियंत्रण प्रणालियों की खरीद की प्रक्रिया भी सुचारू रूप से चल रही है।’’

सरकारी जानकारी के अनुसार, जापानी शिंकानसेन तकनीक से संचालित बुलेट ट्रेन अभी ई5 श्रृंखला की है और ई10 अगली पीढ़ी की ट्रेन होगी।

रेल मंत्रालय ने कहा, ‘‘भारत और जापान के बीच रणनीतिक साझेदारी के तहत जापान सरकार ने मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन परियोजना में ई10 शिंकानसेन ट्रेनें शामिल करने पर सहमति दी है। यह उल्लेखनीय है कि ई10 ट्रेनें भारत और जापान में एक साथ शुरू की जाएंगी।’’

अधिकारियों के अनुसार, 508 किलोमीटर लंबा यह पूरा गलियारा जापानी शिंकानसेन तकनीक के साथ विकसित किया जा रहा है।

मंत्रालय ने बताया कि परियोजना के तहत नदी के ऊपर बन रहे 15 पुलों का काम पूरा हो चुका है, जबकि चार पुलों का निर्माण कार्य अंतिम चरण में है।

कुल 12 स्टेशनों में से पांच का काम पूरा हो चुका है और तीन और स्टेशनों का काम अब अंतिम चरण में पहुंच गया हैं।

मंत्रालय ने कहा, ‘‘बीकेसी स्टेशन इंजीनियरिंग का चमत्कार होगा। यह स्टेशन जमीन से 32.5 मीटर नीचे स्थित होगा और इसकी नींव को इस तरह डिजाइन किया गया है कि इसके ऊपर 95 मीटर ऊंची इमारत का निर्माण किया जा सके।’’

बयान में कहा गया, ‘‘मुंबई-अहमदाबाद हाई-स्पीड रेल (एमएएचएसआर) परियोजना की सफलता देश में भविष्य की बुलेट ट्रेन परियोजनाओं की नींव रख रही है। अन्य गलियारों पर भी सक्रियता से विचार किया जा रहा है।’’

भाषा

राखी प्रशांत

प्रशांत


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