दिल्ली। लगभग तीन माह पहले पहले हुईं उत्तरी दिल्ली के बुराड़ी में जुलाई महीने में एक ही परिवार के 11 लोगो की मौत के मामले में एक नया खुलासा हुआ है.जिसके रहत यह बात सामने आई है की उन सदस्यों ने आत्महत्या नहीं की थी बल्कि दुर्घटना वश उनकी मौत हुई थी। इस मामले में मनोवैज्ञानिक ऑटोप्सी रिपोर्ट आई है, जिसमें इस बात के संकेत मिले है कि उन लोगों ने खुदकुशी नहीं की थी, बल्कि वे सभी एक अनुष्ठान के दौरान दुर्घटनावश मारे गए है।
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ज्ञात हो कि दिल्ली पुलिस ने इस मामले में सीबीआई को साइकोलॉजिकल ऑटोप्सी करने को कहा था। जिसकी रिपोर्ट शुक्रवार को सामने आई है। जिसमे मृतकों की मनोवैज्ञानिक ऑटोप्सी के अध्ययन के आधार पर घटना आत्महत्या की नहीं थी, बल्कि दुर्घटना थी जो एक अनुष्ठान करते समय हुई. किसी भी सदस्य की अपनी जान लेने का इरादा नहीं था। मनोवैज्ञानिक ऑटोप्सी के दौरान सीबीआई की केंद्रीय फॉरेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला ने घर में मिले रजिस्टर्स में लिखी बातों का और पुलिस द्वारा दर्ज किए गए रिश्तेदारों के सदस्यों और मित्रों के बयानों का विश्लेषण किया।
बता दें कि मनोवैज्ञानिक ऑटोप्सी में किसी व्यक्ति के मेडिकल रिकार्ड का विश्लेषण किया जाता है. साथ ही उनके मित्रों और परिवार के सदस्यों से पूछताछ करके और मृत्यु से पहले उसकी मानसिक दशा का अध्ययन किया जाता है. जिससे उस शख्स की मानसिक स्थिति पता लगाने की कोशिश की जाती है। इस रिपोर्ट में यह भी बात सामने आई है कि परिवार का सदस्य ललित चूंडावत अपने दिवंगत पिता की तरफ से निर्देश मिलने का दावा करता था और उसी हिसाब से परिवार के अन्य सदस्यों से कुछ गतिविधियां कराता था. उसने ही परिवार को ऐसा अनुष्ठान कराया जिसमें उन्होंने अपने हाथ-पैर बांधे तथा चेहरे को भी कपड़े से ढंक दिया था।
वेब डेस्क IBC24
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