Bus Taxi may be Stop Soon Due to Hike Petrol Diesel Prices

थम सकते हैं बस, टैक्सी के पहिए, पेट्रोल-डीजल की कीमतों में बढ़ोतरी से परेशान हैं ट्रांसपोर्टर

पेट्रोल-डीजल की कीमतों में बढ़ोतरी से परेशान हैं ट्रांसपोर्टर! Bus Taxi may be Stop Soon Due to Hike Petrol Diesel Prices

Edited By :   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:12 PM IST, Published Date : April 4, 2022/8:35 pm IST

कोलकाता: Bus Taxi may be Stop ईंधन की कीमतें हर दिन बढ़ने साथ निजी बस और कैब संचालकों ने कहा है कि यदि राज्य और केंद्र सरकार भत्ते के रूप में कुछ सहायता प्रदान नहीं करतीं या चरमराए परिवहन क्षेत्र का समर्थन करने के लिए किराया वृद्धि का रास्ता नहीं अपनाया जाता तो उन्हें अपने वाहनों को सड़कों से हटाना पड़ सकता है। पेट्रोल और डीजल की कीमतों में 40 पैसे प्रति लीटर की बढ़ोतरी के साथ पिछले दो हफ्तों में दरों में कुल वृद्धि 8.40 रुपये प्रति लीटर हो गई। 22 मार्च के बाद से तेल की कीमतों में यह 12वीं बढ़ोतरी है। सोमवार को कोलकाता में पेट्रोल की कीमत 113.45 रुपये प्रति लीटर और डीजल की कीमत 98.22 रुपये प्रति लीटर रही।

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Bus Taxi may be Stop ज्वाइंट काउंसिल ऑफ बस सिंडिकेट के महासचिव तपन बनर्जी ने कहा कि 42,000 निजी बसों में से केवल 30 प्रतिशत ही शहर की सड़कों पर चल रही हैं तथा अगर तेल की कीमतों में वृद्धि जारी रही तो यह संख्या और कम हो जाएगी। बनर्जी ने पीटीआई-भाषा से कहा, ‘निजी ऑपरेटर पहले से ही परिचालन लागत में वृद्धि और यातायात पुलिस द्वारा लगाए गए दंड के दोहरे प्रभाव से परेशान हैं। ईंधन की कीमतों में वृद्धि ने उनके संकट को और बढ़ा दिया है। ऑपरेटर बीमा शुल्क का भुगतान करने में असमर्थ हैं।’ राज्य सरकार ने जनवरी में यातायात नियमों के उल्लंघन से संबंधित जुर्माने में 10 गुना वृद्धि की थी।

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चूंकि महामारी संबंधी प्रतिबंधों के कारण 2020 और 2021 में अधिकांश समय बस और मिनी बस सड़कों से दूर रहीं तथा इस अवधि के दौरान वाहनों के रखरखाव लागत बढ़ गई। 90 प्रतिशत वाहन मालिक ऐसी परिस्थितियों में बैंक ऋण चुकाने में विफल रहे हैं। बनर्जी ने कहा, ‘हमने प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री को कई पत्र भेजे, लेकिन न तो केंद्र और न ही राज्य सरकार ने जवाब दिया। उच्च बीमा प्रीमियम से लेकर ईएमआई तक, बस मालिकों को अपने काम से कोई लाभ न नहीं हो रहा और एक-एक पैसा उन्हें अपनी जेब से खर्च करना पड़ता है।’

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ऑल इंडिया ट्रेड यूनियन कांग्रेस (एआईटीयूसी) से संबद्ध पश्चिम बंगाल टैक्सी ऑपरेटर्स कोऑर्डिनेशन कमेटी के नवल किशोर श्रीवास्तव ने कहा कि शहर में स्वीकृत 22,000 के बजाय वर्तमान में लगभग 13,000-14,000 टैक्सी ही ​​चल रही हैं। उन्होंने कहा, ‘ज्यादातर टैक्सी ​​ईंधन की ऊंची कीमतों के कारण सड़कों से नदारद हैं। अगर किराए में संशोधन नहीं किया जाता है, तो वाहनों को बाहर निकालना मुश्किल होगा। हम जल्द ही परिवहन मंत्री से मिलेंगे और समाधान तलाशेंगे।’

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