मंत्रिमंडल ने भारत और यूएई के संस्थाओं के बीच वैज्ञानिक एवं तकनीकी सहयोग संबंधी एमओयू को मंजूरी दी

मंत्रिमंडल ने भारत और यूएई के संस्थाओं के बीच वैज्ञानिक एवं तकनीकी सहयोग संबंधी एमओयू को मंजूरी दी

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  • Publish Date - January 13, 2021 / 10:48 AM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:44 PM IST

नयी दिल्ली, 13 जनवरी (भाषा) केंद्रीय मंत्रिमंडल ने भारत के पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय और संयुक्त अरब अमीरात के नेशनल सेंटर ऑफ मेट्रोलॉजी के बीच वैज्ञानिक एवं तकनीकी सहयोग संबंधी सहमति पत्र (एमओयू) को बुधवार को मंजूरी प्रदान कर दी ।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में इस आशय के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई ।

सरकारी बयान के अनुसार, दोनों देशों के बीच एमओयू के तहत रडार, उपग्रह और ज्‍वार मापने वाले उपकरण तथा भूकंप और मौसम विज्ञान केन्‍द्रों के संबंध में आंकड़े और ज्ञान को साझा किया जा सकेगा ।

इसके तहत वैज्ञानिकों अनुसंधानकर्ताओं और विशेषज्ञों के अनुसंधान, प्रशिक्षण, परामर्श आदि के संबंध में दोनों देशों के बीच यात्राएं और अनुभवों का आदान-प्रदान, जलवायु संबंधी जानकारी पर केन्द्रित सेवाओं, उष्‍णकटिबंधीय तूफान की चेतावनी से संबंधित उपग्रह डाटा का उपयोग एवं आदान-प्रदान किया जा सकेगा ।

एमओयू के तहत समान हित की गतिविधियों से संबंधित वैज्ञानिक और तकनीकी जानकारी का आदान-प्रदान करने के साथ द्विपक्षीय वैज्ञानिक और तकनीकी संगोष्ठियों/कार्यशालाओं/सम्‍मेलनों का आयोजन और दोनों देशों के समान हित के विषयों तथा समझौता ज्ञापन में वर्णित सहयोग के क्षेत्रों के संबंध में मौजूद समस्‍याओं पर प्रशिक्षण पाठ्यक्रम चलाया जा सकेगा ।

इसमें कहा गया है कि दोनों पक्ष आपसी तौर पर सहमति बनाकर अन्‍य क्षेत्रों में सहयोग करेंगे तथा आपसी सहमति से समुद्री जल पर समुद्र विज्ञान पर्यवेक्षण नेटवर्क स्‍थापित कर सकेंगे ।

भारत और संयुक्‍त अरब अमीरात के पूर्वोत्तर क्षेत्र को प्रभावित करने वाली ओमान सागर और अरब सागर में उठने वाली सुनामी के अधिक विश्‍वसनीय और तीव्र पूर्वानुमान के लिए सुनामी मॉडल के बारे में अनुसंधान की विशिष्‍ट क्षमता के निर्माण में सहयोग किया जा सकेगा।

इसके तहत सुनामी पूर्व चेतावनी केन्‍द्रों में, सुनामी पूर्वानुमान कार्य के लिए विशेष रूप से डिजाइन किये गए पूर्वानुमान संबंधी सॉफ्टवेयर स्‍थापित करने में सहयोग हो सकेगा ।

इसके साथ ही अरब सागर और ओमान सागर में सुनामी की स्थिति उत्‍पन्‍न करने में सहायक भूकंप संबंधी गतिविधियों की निगरानी के लिए भारत के दक्षिण पश्चिम और संयुक्‍त अरब अमीरात के उत्तर में स्‍थापित भूकंप मापी केन्‍द्रों से प्राप्‍त वास्‍तविक आंकड़ों का आदान-प्रदान किया जायेगा ।

सहमति पत्र के तहत भूकंप विज्ञान के क्षेत्र में सहयोग, जिसके तहत अरब सागर और ओमान सागर में सुनामी पैदा करने में सक्षम भूकंप संबंधी गतिविधियों का अध्‍ययन किया जायेगा। इसके अलावा रेत और धूल भरी आंधी के संबंध में पूर्व चेतावनी प्रणाली के क्षेत्र में जानकारी का आदान-प्रदान हो सकेगा ।

गौरतलब है कि 8 नवम्‍बर 2019 को पृथ्‍वी विज्ञान मंत्रालय में संयुक्‍त अरब अमीरात के प्रतिनिधिमंडल के दौरे के दौरान भारत स्थित संस्थानों और एनसीएम-यूएई द्वारा की जा रही वैज्ञानिक गतिविधियों पर चर्चा की गई थी। दोनों पक्षों ने भारत के तटीय क्षेत्रों और संयुक्त अरब अमीरात के उत्तर पूर्व को प्रभावित करने वाले और ओमान सागर और अरब सागर में उत्‍पन्‍न सुनामी से जुड़े तीव्र एवं विश्वसनीय पूर्वानुमानों के संबंध में वैज्ञानिक और तकनीकी सहयोग में रुचि दिखाई थी ।

भाषा दीपक दीपक दिलीप

दिलीप