क्रिसमस पर प्रदर्शन की अनुमति देने के एकल पीठ के आदेश को कलकत्ता उच्च न्यायालय ने कायम रखा

क्रिसमस पर प्रदर्शन की अनुमति देने के एकल पीठ के आदेश को कलकत्ता उच्च न्यायालय ने कायम रखा

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  • Publish Date - December 23, 2024 / 08:35 PM IST,
    Updated On - December 23, 2024 / 08:35 PM IST

कोलकाता, 23 दिसंबर (भाषा) कलकत्ता उच्च न्यायालय की एक खंडपीठ ने 20 दिसंबर के उस आदेश को सोमवार को बरकरार रखा, जिसमें चिकित्सकों के एक संगठन को क्रिसमस के दौरान यहां प्रदर्शन करने की अनुमति दी गई थी, ताकि अगस्त में हुई आरजी कर अस्पताल की घटना के मामले में शीघ्र न्याय की मांग पर जोर दिया जा सके।

खंडपीठ ने सुनवाई के दौरान कहा कि आरजी कर की घटना ‘अभूतपूर्व, अकल्पनीय और भयानक’ थी।

राज्य सरकार ने न्यायमूर्ति तीर्थंकर घोष की एकल पीठ के आदेश को चुनौती देते हुए खंडपीठ का रुख किया था, जिसने ‘ज्वाइंट फॉरम ऑफ डॉक्टर्स’ को 20-26 दिसंबर तक मध्य कोलकाता के एस्प्लेनेड में डोरीना क्रॉसिंग से 50 फीट दूर धरना देने की अनुमति दी थी।

राज्य सरकार के वकील ने दलील दी कि क्रिसमस के दिनों में इस तरह के प्रदर्शनों से व्यस्त इलाके में यातायात जाम हो जाएगा और त्योहारी सीजन में लोगों को असुविधा होगी।

बचाव पक्ष के वकील के इस आश्वासन के बाद कि प्रदर्शनकारियों की संख्या 100 की निर्धारित सीमा के भीतर होगी, न्यायमूर्ति हरीश टंडन और न्यायमूर्ति हिरण्मय भट्टाचार्य की खंडपीठ ने उसी स्थान पर आंदोलन करते रहने की अनुमति दी थी।

फोरम के वकील ने यह भी कहा कि प्रदर्शनकारी राज्य पुलिस और प्रशासन के साथ चर्चा के अनुसार धरना देने के लिए निर्धारित अवरोधकों वाले क्षेत्र से आगे नहीं बढ़ेंगे।

अदालत ने आंदोलनकारी डॉक्टरों से 25 दिसंबर को एक दिन के लिए धरना स्थगित करने और इसके बजाय इसे 27 दिसंबर तक टालने के राज्य के प्रस्ताव पर प्रतिक्रिया देने को भी कहा।

न्यायमूर्ति घोष ने अपने 20 दिसंबर के आदेश में कहा था कि चूंकि आयोजक डॉक्टर हैं, इसलिए उनसे प्रदर्शन के दौरान क्षेत्र में आने-जाने वालों की संभावित कठिनाइयों को ध्यान में रखने की अपेक्षा की जाती है।

अदालत ने निर्देश दिया था कि प्रदर्शन आयोजित करने के लिए मंच की लंबाई 40 फीट और चौड़ाई 23 फीट से अधिक नहीं होनी चाहिए और एक बार में धरने में भाग लेने वालों की संख्या 250 से अधिक नहीं होनी चाहिए।

सोमवार को खंडपीठ के समक्ष अपनी दलील में राज्य सरकार की ओर से पेश वकील कल्याण बनर्जी ने कहा कि क्रिसमस के दौरान सीबीआई जांच में कथित देरी के खिलाफ डोरीना क्रॉसिंग पर धरना देने के मामले में बहुत ज्यादा दम नहीं है।

चिकित्सकों की ओर से पेश वकील विकास भट्टाचार्य ने उनके दावे का खंडन करते हुए कहा कि पिछले तीन दिन से डोरीना क्रॉसिंग पर विरोध प्रदर्शन से यातायात में कोई बाधा नहीं आई और न ही लोगों को कोई असुविधा हुई।

उन्होंने अपने दावों को पुष्ट करने के लिए चल रहे प्रदर्शन का एक वीडियो क्लिप भी प्रस्तुत किया और तर्क दिया कि लोग क्रिसमस मनाने के लिए पार्क स्ट्रीट जाते हैं, न कि एस्प्लेनेड।

आरजी कर अस्पताल में नौ अगस्त को एक प्रशिक्षु चिकित्सक का शव सेमिनार रूम में मिला था।

केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने ड्यूटी पर तैनात डॉक्टर के बलात्कार और हत्या मामले में मुख्य आरोपी संजय रॉय के खिलाफ आरोप-पत्र दायर किया है।

यहां एक विशेष सीबीआई अदालत के समक्ष दायर अपने आरोप-पत्र में केंद्रीय एजेंसी ने कहा कि स्थानीय पुलिस के साथ नागरिक स्वयंसेवक के रूप में काम कर रहे रॉय ने कथित तौर पर नौ अगस्त को अपराध को अंजाम दिया, जब पीड़िता छुट्टी के दौरान अस्पताल के सेमिनार रूम में सोने गई थी।

राज्य में चिकित्सक संगठन प्रशिक्षु डॉक्टर के लिए शीघ्र न्याय की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं।

भाषा वैभव सुरेश

सुरेश