विमान में पेशाब करने का मामला: महिला ने न्यायालय से एसओपी संबंधी निर्देश देने का अनुरोध किया |

विमान में पेशाब करने का मामला: महिला ने न्यायालय से एसओपी संबंधी निर्देश देने का अनुरोध किया

विमान में पेशाब करने का मामला: महिला ने न्यायालय से एसओपी संबंधी निर्देश देने का अनुरोध किया

:   Modified Date:  March 20, 2023 / 02:31 PM IST, Published Date : March 20, 2023/2:31 pm IST

नयी दिल्ली, 20 मार्च (भाषा) न्यूयॉर्क से दिल्ली आ रही एअर इंडिया की एक उड़ान में एक पुरुष यात्री द्वारा 72 वर्षीय महिला सहयात्री पर कथित रूप से पेशाब किए जाने की घटना सामने आने के बाद सुर्खियों में आई पीड़िता ने उच्चतम न्यायालय में एक याचिका दायर कर अनुरोध किया है कि वह नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (डीजीसीए) और विमानन कंपनियों को इस प्रकार के मामलों से निपटने के लिए मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) बनाने का निर्देश दे।

महिला ने कहा कि एअर इंडिया और डीजीसीए इस घटना के बाद उसके साथ जिम्मेदारी के साथ व्यवहार करने में विफल रहे, जिसके कारण उसे अदालत का दरवाजा खटखटाने पर विवश होना पड़ा।

महिला ने अपनी याचिका में कहा, ‘‘प्रेस में अटकलों और अनुमानों से भरी व्यापक तौर पर प्रसारित खबरों ने संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत पीड़िता के रूप में याचिकाकर्ता के अधिकारों को गंभीर रूप से कमजोर किया है और निष्पक्ष रूप से, आरोपी के अधिकारों को भी प्रभावित किया है। याचिकाकर्ता की ‘एअर सेवा’ से की गई शिकायत के एक चुनिंदा अंश लीक किए जाने से स्वतंत्र और निष्पक्ष सुनवाई के उनके अधिकार भी काफी हद तक प्रभावित हुए हैं। प्राथमिकी और गवाहों के ऐसे चुनिंदा बयानों को मीडिया में जारी किया जा रहा है, जो एक विशेष विमर्श से मेल खाते हों।’’

याचिका में कहा गया है कि खबर देते समय मीडिया को किन बातों को ध्यान में रखने की आवश्यकता होती है और विचाराधीन मामलों में क्या उन्हें स्वयं अनुमान लगाने चाहिए, इस संबंध में दिशा-निर्देशों का स्पष्ट अभाव है। इसमें कहा गया है कि इन दिशा-निर्देशों के अभाव में और अपुष्ट बयानों पर आधारित मीडिया कवरेज ने पीड़िता और आरोपी दोनों को प्रभावित किया है।

याचिकाकर्ता ने कहा कि उसकी मंशा आमजन का हित करना है और यह याचिका विमानन उद्योग में एक ऐसी रूपरेखा तैयार का एक ईमानदार प्रयास है जिसकी मदद से ऐसी घटनाओं को रोका जा सके और यदि वे होती हैं, तो उनसे निपटा जा सके, ताकि यात्रियों को अतिरिक्त परेशानी न हो।

उन्होंने केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्रालय और डीजीसीए को यह सुनिश्चित करने का निर्देश देने का अनुरोध किया कि नागरिक उड्डयन अनिवार्यता (सीएआर) मानदंड के तहत अंतरराष्ट्रीय स्तर पर निर्धारित उच्चतम मानकों का पालन किया जाएगा।

इससे पहले, 31 जुलाई को दिल्ली की एक अदालत ने न्यूयॉर्क से दिल्ली आने वाली एअर इंडिया की एक उड़ान में एक महिला सहयात्री पर पेशाब करने के आरोपी शंकर मिश्रा को जमानत देते हुए कहा था कि सबूत जुटाने के लिए उसकी हिरासत की अब जरूरत नहीं है।

निचली अदालत ने एक लाख रुपये के निजी मुचलके और इतनी ही रकम की जमानत राशि पर मिश्रा को यह राहत दी।

मिश्रा को छह जनवरी को बेंगलुरु से गिरफ्तार किया गया था और यहां की एक अदालत ने सात जनवरी को न्यायिक हिरासत में भेज दिया था। मिश्रा ने पिछले साल 26 नवंबर को एअर इंडिया की एक उड़ान के बिजनेस क्लास में नशे की हालत में महिला पर कथित तौर पर पेशाब किया था।

भाषा सिम्मी नरेश

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)