कई देशों में मिल रहे मंकीपॉक्स के मरीजों ने बढ़ाई चिंता, केंद्र सरकार ने राज्यों के दिए ये निर्देश

कई देशों में मिल रहे मंकीपॉक्स के मरीजों ने बढ़ाई चिंता : Central government issued guidelines for the states regarding monkeypox

कई देशों में मिल रहे मंकीपॉक्स के मरीजों ने बढ़ाई चिंता, केंद्र सरकार ने राज्यों के दिए ये निर्देश
Modified Date: November 29, 2022 / 08:52 pm IST
Published Date: May 31, 2022 8:37 pm IST

नई दिल्लीः Guidelines for the states regarding monkeypox  दुनिया के देशों में तेजी से फैल रही मंकीपॉक्स की बीमारी को लेकर अब भारत सरकार भी सतर्क हो गई है। केंद्र सरकार के स्वास्थ्य मंत्रालय ने मंकीपॉक्स के प्रबंधन पर राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों को दिशा-निर्देश जारी किया हैं। दिशानिर्देशों के अनुसार, मंकीपॉक्स से संक्रमित व्यक्ति की निगरानी की जाएगी। संक्रामक अवधि के दौरान किसी रोगी या उनकी दूषित सामग्री के साथ अंतिम संपर्क में आने के बाद 21 दिनों की अवधि के लिए हर रोज निगरानी की जानी चाहिए।

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Guidelines for the states regarding monkeypox राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को जारी किए गए मंकीपॉक्स रोग के प्रबंधन पर दिशानिर्देश में स्वास्थ्य मंत्रालय ने निगरानी और नए मामलों की तेजी से पहचान पर जोर दिया, जो कि प्रकोप की रोकथाम के लिए प्रमुख सार्वजनिक स्वास्थ्य उपायों के रूप में मानव-से-मानव तक संचरण के जोखिम को कम करने की आवश्यकता को अनिवार्य करता है। इसमें कहा गया है कि गैर-स्थानिक देशों में बढ़ते मामलों के मद्देनजर भारत को तैयार रहने की जरूरत है, भले ही देश में अब तक मंकीपॉक्स वायरस का कोई मामला सामने नहीं आया है। दिशानिर्देशों में मामलों और संक्रमणों के समूहों और संक्रमण के स्रोतों की जल्द से जल्द पहचान करने के लिए एक निगरानी रणनीति का प्रस्ताव दिया गया है ताकि आगे संचरण को रोकने के लिए मामलों को अलग किया जा सके।

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गाइडलाइंस में कहा गया कि जब किसी संदिग्ध मरीज का पता चले तो उसके सैंपल पुणे स्थित एनआईवी में जांच के लिए भेजे जाएंगे। इस सैंपल को इंटीग्रेटेड डिसीज सर्विलांस प्रोग्राम नेटवर्क के तहत भेजा जाएगा। वहीं ऐसे मामलों को संदिग्ध माना जाए, जिसमें किसी भी उम्र का व्यक्ति जिसका पिछले 21 दिनों के भीतर प्रभावित देशों की यात्रा का इतिहास रहा हो। साथ ही बुखार, सिरदर्द, शरीर में दर्द, शरीर पर दाने जैसा कोई लक्षण हो। मरीज को आइसोलेशन के लिए अस्पताल के आइसोलेशन रूम में या घर पर अलग कमरे में रखा जाएगा। रोगी को ट्रिपल लेयर मास्क पहनना होगा। आइसोलेशन तब तक जारी रहेगा जब तक कि मरीज के सभी दाने ठीक नहीं हो जाते और पपड़ी पूरी तरह से गिर नहीं जाती। संदिग्ध या रोगी की कांटेक्ट ट्रेसिंग की जाएगी।


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