Central Universities Bill 2023: केंद्रीय विश्वविद्यालय (संशोधन) विधेयक लोकसभा में पारित.. जानें क्या है ये कानून और किसे होगा फायदा
देश की जनजातीय आबादी के लिए उच्च शिक्षा और अनुसंधान सुविधाओं के अवसर प्रदान करने के लिए केंद्र सरकार ने पूर्व में दो केंद्रीय जनजातीय विश्वविद्यालयों की स्थापना की है।
Central Universities Bill 2023
नई दिल्ली: आज लोकसभा में केंद्रीय विश्वविद्यालय (संशोधन) विधेयक 2023 पारित हो गया। इस बिल के पारित होते ही लोकसभा शुक्रवार सुबह 11 बजे तक स्थगित कर दिया गया। आखिर क्या है केंद्रीय विश्वविद्यालय (संशोधन) विधेयक 2023 और किसे मिलेगा इसका फायदा आइयें जानते है।
केंद्रीय विश्वविद्यालय (संशोधन) विधेयक, 2023 लोकसभा में पारित हुआ।
लोकसभा की कार्यवाही शुक्रवार सुबह 11 बजे तक स्थगित कर दी गई।
— ANI_HindiNews (@AHindinews) December 7, 2023
दरअसल मोदी सरकार के केंद्रीय मंत्रिमंडल ने इसी साल 4 अक्टूबर 2023 को तेलंगाना में सम्मक्का सरक्का केंद्रीय जनजातीय विश्वविद्यालय की स्थापना के लिए केंद्रीय विश्वविद्यालय अधिनियम- 2009 में संशोधन को मंजूरी दी थी। यह विश्वविद्यालय तेलंगाना के मुलुगु जिले में स्थापित किया जान प्रस्तावित है। इस विश्वविद्यालय की स्थापना आंध्र प्रदेश पुनर्गठन अधिनियम- 2014 की 13वीं अनुसूची के तहत ऐसा किया जा रहा है। इसके तहत दोनों राज्यों आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में एक-एक जनजातीय विश्वविद्यालय की स्थापना की जानी थी। आंध्र प्रदेश में 2019 में विश्वविद्यालय की स्थापना हो चुकी है, जबकि तेलंगाना में जमीन आवंटन में देरी से अभी तक विश्वविद्यालय की स्थापना नहीं हो पाई थी।
889.07 करोड़ रु की धनराशि का प्रावधान
तेलंगाना में सम्मक्का सरक्का केंद्रीय जनजातीय विश्वविद्यालय के लिए 889.07 करोड़ रुपये की धनराशि का प्रावधान किया गया है। विश्वविद्यालय के स्थापना का मकसद आदिवासी कला, संस्कृति और पारंपरिक ज्ञान को बढ़ावा देना है। सरकार का दावा है कि नया विश्वविद्यालय राज्य में उच्च शिक्षा की पहुंच बढ़ाने के साथ-साथ गुणवत्तापूर्ण शिक्षा में सुधार करेगा। इतना ही नहीं बल्कि आदिवासी आबादी के लाभ के लिए राज्य में आदिवासी कला, संस्कृति और पारंपरिक ज्ञान प्रणाली में निर्देशात्मक और अनुसंधान संबंधी सुविधाएं प्रदान करके उच्च शिक्षा और उन्नत ज्ञान के उपायों को भी बढ़ावा देगा। यह नया विश्वविद्यालय अतिरिक्त क्षमता भी तैयार करेगा और क्षेत्रीय असंतुलन को दूर करने का प्रयास करेगा।
गौर करने वाली बात है कि देश की जनजातीय आबादी के लिए उच्च शिक्षा और अनुसंधान सुविधाओं के अवसर प्रदान करने के लिए केंद्र सरकार ने पूर्व में दो केंद्रीय जनजातीय विश्वविद्यालयों की स्थापना की है। इनमें मध्यप्रदेश के अमरकंटक में स्थापित इंदिरा गांधी राष्ट्रीय जनजातीय विश्वविद्यालय और आंध्र प्रदेश के विजयनगरम में स्थापित केंद्रीय जनजातीय विश्वविद्यालय शामिल है। वही अब तीसरा विश्वविद्यालय तेलंगाना में सम्मक्का सरक्का केंद्रीय जनजातीय विश्वविद्यालय के रूप में स्थापित किया जाएगा। वर्तमान में देश में कुल 45 केंद्रीय विश्वविद्यालय हैं।

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