केंद्र ने पश्चिम बंगाल से तीन आईपीएस अफसरों को तत्काल कार्य मुक्त करने को कहा
केंद्र ने पश्चिम बंगाल से तीन आईपीएस अफसरों को तत्काल कार्य मुक्त करने को कहा
नयी दिल्ली, 17 दिसंबर (भाषा) केंद्र सरकार ने पश्चिम बंगाल सरकार को एक बार फिर से पत्र भेजा कर कहा कि वह भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) के उन तीन अधिकारियों को केंद्रीय प्रतिनियुक्ति के लिए तत्काल कार्यमुक्त करे जो भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा की सुरक्षा के लिए जिम्मेदार थे।
अधिकारियों ने बृहस्पतिवार को बताया कि केंद्र ने कहा कि इन अफसरों को नई जिम्मेदारियां दी जा चुकी हैं।
पश्चिम बंगाल में कानून एवं व्यवस्था की स्थिति पर चर्चा करने के लिए राज्य सरकार ने मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक को दिल्ली भेजने से इनकार कर दिया है, जिसके कुछ घंटों के बाद तीन आईपीएस अधिकारियों–राजीव मिश्रा (1996 बैच), प्रवीण त्रिपाठी (2004 बैच) और भोलानाथ पांडे (2011 बैच) को केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर रिपोर्ट करने का निर्देश दिया है।
मंत्रालय ने नए आदेश में भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) के नियमों का हवाला देकर पांडे (पुलिस अधीक्षक, डायमंड हार्बर), त्रिपाठी (डीआईजी प्रेसिडेंसी रेंज) और मिश्रा (एडीजी दक्षिण बंगाल) को कार्य मुक्त करने को कहा है।
भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा की राज्य की नौ और 10 दिसंबर को यात्रा के दौरान उनकी सुरक्षा के लिए ये तीनों अधिकारी जिम्मेदार थे। इसी दौरान डायमंड हार्बर में उनके काफिले पर हमला हुआ था।
आदेश में केंद्रीय गृह मंत्रालय ने भारतीय पुलिस सेवा (काडर) नियम 1954 के नियम 6 (1) और 1985 के संशोधन का हवाला दिया गया है जो कहता है कि अगर केंद्र और राज्य सरकारों के बीच किसी प्रकार की असहमति है तो संबंधित राज्य सरकार केंद्र के फैसले को प्रभावी करेगी।
अधिकारी ने बताया कि पांडे को पुलिस अनुसंधान एवं विकास ब्यूरो में पुलिस अधीक्षक बनाया गया है जबकि त्रिपाठी को सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी) के डीआईजी के तौर पर नियुक्ति दी गई है। वहीं मिश्रा को भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) का आईजी नियुक्त किया गया है।
पत्र की प्रति पश्चिम बंगाल के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) को भी भेजी गई है।
नड्डा के काफिले पर हमले को केंद्र सरकार ने गंभीरता से लिया है जिसके बाद यह सारा मुद्दा शुरू हुआ। केंद्र सरकार ने राज्य के मुख्य सचिव अलपन बंद्योपाध्याय और डीजीपी वीरेंद्र को राज्य की ‘बिगड़ती’ कानून एवं व्यवस्था की स्थिति पर चर्चा करने के लिए 14 दिसंबर को तलब किया था।
राज्य सरकार ने बैठक के आग्रह को स्वीकार नहीं किया जिसके बाद केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर तीन आईपीएस अधिकारियों को बुलाने के लिए आदेश जारी किया गया।
पश्चिम बंगाल सरकार ने 12 दिसंबर को केंद्र सरकार को सूचित किया था कि वह तीन आईपीएस अफसरों को कार्य मुक्त नहीं कर पाएगी और आईपीएस के एक नियम का हवाला देने की भी कोशिश की थी जिसके तहत अखिल भारतीय सेवा के किसी भी अधिकारी को केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर बुलाने से पहले राज्य सरकार की सहमति लेनी पड़ती है।
पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने नड्डा के काफिले पर डायमंड हार्बर पर पत्थरों से हमले को लेकर एक रिपोर्ट भेजी थी जिसके बाद राज्य मुख्य सचिव और डीजीपी को दिल्ली तलब किया गया था।
डायमंड हार्बर तृणमूल कांग्रेस की प्रमुख और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक बनर्जी का संसदीय क्षेत्र है।
धनखड़ ने कोलकाता में पत्रकार वार्ता में आरोप लगाया था कि पश्चिम बंगाल में कानून तोड़ने वालों को पुलिस और प्रशासन का संरक्षण है और विपक्ष द्वारा विरोध किए जाने पर उसे दबा दिया जाता है।
पश्चिम बंगाल सरकार ने गृह मंत्रालय की ओर से नड्डा की राज्य की यात्रा के दौरान ‘गंभीर सुरक्षा चूक ‘ पर मांगी गई रिपोर्ट नहीं भेजी है।
मुख्यमंत्री ने कोलकाता में हाल में की गई एक रैली में नड्डा के काफिले पर हमले को एक ‘नाटक’ बताया था।
हमले में पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय समेत भाजपा के कई नेताओं की गाड़ियां क्षतिग्रस्त हुई थीं। ये गाड़ियां नड्डा के काफिले का हिस्सा थी।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा था कि ‘बंगाल तृणमूल शासन के तहत अत्याचार, अराजकता और अंधकार के युग में चला गया है… टीएमसी के शासन में जिस तरह से राजनीतिक हिंसा को संस्थागत किया गया और चरम पर लाया गया है, यह दुखद और चिंताजनक है।’
भाषा
नोमान माधव
माधव

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