केंद्र ने रावी-ब्यास जल न्यायाधिकरण को रिपोर्ट सौंपने के लिए समय सीमा एक साल और बढ़ाई

केंद्र ने रावी-ब्यास जल न्यायाधिकरण को रिपोर्ट सौंपने के लिए समय सीमा एक साल और बढ़ाई

केंद्र ने रावी-ब्यास जल न्यायाधिकरण को रिपोर्ट सौंपने के लिए समय सीमा एक साल और बढ़ाई
Modified Date: July 11, 2025 / 02:26 pm IST
Published Date: July 11, 2025 2:26 pm IST

नयी दिल्ली, 11 जुलाई (भाषा) पंजाब जल समझौते से संबंधित मुद्दों के समाधान में लगातार हो रही देरी के बीच केंद्र ने रावी और ब्यास जल न्यायाधिकरण को अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करने की समय सीमा एक और वर्ष के लिए बढ़ा दी है, जिससे रिपोर्ट जमा करने की नयी तिथि पांच अगस्त, 2026 हो गई है।

जल शक्ति मंत्रालय द्वारा जारी एक राजपत्र अधिसूचना के अनुसार, न्यायाधिकरण ने ‘‘कार्य की अनिवार्यताओं’’ का हवाला देते हुए समय सीमा बढ़ाने का अनुरोध किया था, जिस पर सरकार ने समय सीमा बढ़ा दी है।

अंतर-राज्यीय नदी जल विवाद अधिनियम, 1956 के तहत गठित इस न्यायाधिकरण को पंजाब और उसके पड़ोसी राज्यों के बीच रावी और ब्यास नदी के पानी के वितरण से संबंधित मामलों का निपटारा करने का कार्य सौंपा गया है।

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न्यायाधिकरण का गठन मूल रूप से दो अप्रैल, 1986 को हुआ था और इसने 30 जनवरी, 1987 को केंद्र सरकार को अपनी प्रारंभिक रिपोर्ट प्रस्तुत की थी।

उसी वर्ष बाद में केंद्र ने इस पर और संदर्भ एवं स्पष्टीकरण मांगे, जिसके कारण एक सतत समीक्षा प्रक्रिया शुरू हुई जो लगभग चार दशकों से जारी है।

भाषा सुरभि नरेश

नरेश


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