केंद्र आंदोलन का अपराधिकरण करने का प्रयास कर रहा है : एनएससीएन (आईएम)

केंद्र आंदोलन का अपराधिकरण करने का प्रयास कर रहा है : एनएससीएन (आईएम)

केंद्र आंदोलन का अपराधिकरण करने का प्रयास कर रहा है : एनएससीएन (आईएम)
Modified Date: November 29, 2022 / 08:13 pm IST
Published Date: June 24, 2021 11:10 am IST

कोहिमा, 24 जून (भाषा) केंद्र सरकार द्वारा यह स्पष्ट किये जाने के बाद कि वह राजनीतिक समूहों द्वारा अवैध तरीके से कर संग्रह के किसी भी प्रयास को जबरन वसूली के रूप में देखती है, नगालैंड के एनएससीएन (आईएम) ने आरोप लगाया कि सरकार उसके कराधान के अधिकारों पर सवाल उठाकर ‘‘नगा राजनीतिक आंदोलन’’ को आपराधिक रंग देने का प्रयास कर रही है।

नेशनल सोशलिस्ट काउंसिल ऑफ नगालैंड इसाक-मुइवाह (एनएससीएन-आईएम) ने कहा कि ‘‘न्यूनतम कराधान’’ की उसकी नीति जारी रहेगी। अपनी कर प्रणाली के विरोध में इस बयान के लिए एनएससीएन-आईएम ने नगा शांति वार्ता के लिए केंद्रीय वार्ताकार गुरमीत सिंह और राज्यपाल आरएन रवि पर आरोप लगाया।

एनएससीएन (आईएम) ने यहां बुधवार रात को एक बयान जारी कर कहा, ‘‘एनएससीएन के कराधान के अधिकार पर सवाल उठाकर नगा राजनीतिक आंदोलन का अपराधीकरण करना नगालैंड के राज्यपाल को शोभा नहीं देता है। आश्चर्य है कि यह भारत-नगा राजनीतिक वार्ता के 23 साल से अधिक समय बाद आया है।’’

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यह बयान केंद्र सरकार की उस घोषणा के जवाब में था जिसमें कहा गया था कि नगा सशस्त्र संगठन द्वारा यह दावा करना कि उसे लोगों से कर लेने का अधिकार दिया गया है, यह गलत है और कराधान का अधिकार सिर्फ केंद्र एवं राज्य सरकारों का संप्रभु विशेषाधिकार है।

संगठन ने दावा किया है कि कराधान की उसकी नीति की जड़ें नगा प्रतिरोध आंदोलन के इतिहास तक जाती हैं और कर संग्रहण नगा राजनीतिक अस्तित्व का हिस्सा है।

बयान के अनुसार, ‘‘ एनएससीएन नगा लोगों के राजनीतिक आंदोलन को सहयोग के लिए कर संग्रहण करता है जिसकी शुरूआत 1929 में हुई थी। और यह ब्रिटिश राज से भारत के आजादी हासिल करने से भी पहले की बात है।’’

भाषा सुरभि नरेश

नरेश


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