केंद्र सरकार मनरेगा में सुधार की आड़ में गरीब विरोधी एजेंडा चला रही: पंजाब के मंत्री चीमा
केंद्र सरकार मनरेगा में सुधार की आड़ में गरीब विरोधी एजेंडा चला रही: पंजाब के मंत्री चीमा
चंडीगढ़, 31 दिसंबर (भाषा) पंजाब के वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने बुधवार को भाजपा नीत केंद्र सरकार पर मनरेगा में सुधार की आड़ में ‘‘गरीब विरोधी’’ एजेंडा चलाने का आरोप लगाया और दावा किया कि वीबी-जी राम जी कानून गरीबों को उनकी आजीविका के अधिकार से वंचित करने का प्रयास करता है।
चीमा ने एक बयान में कहा कि महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी (मनरेगा) के तहत 23,000 करोड़ रुपये से अधिक का बकाया भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सुधार के दावों की सच्चाई को उजागर करता है।
उनकी यह टिप्पणी पंजाब विधानसभा द्वारा मंगलवार को सर्वसम्मति से विकसित भारत-गारंटी रोजगार और आजीविका मिशन (ग्रामीण) (वीबी-जी राम जी) कानून के खिलाफ प्रस्ताव पारित करने के एक दिन बाद आई है। प्रस्ताव में भाजपा नीत केंद्र सरकार पर ‘‘सुनियोजित साजिश’’ के तहत मनरेगा को रद्द करके गरीबों और दलित मजदूरों की आजीविका छीनने का आरोप लगाया गया है।
चीमा ने कहा कि वित्तीय बोझ का 40 प्रतिशत राज्यों पर डालकर और योजना की अधिकार-आधारित व्यवस्था को ‘‘खोखला’’ करके, भाजपा ने प्रभावी रूप से रोजगार गारंटी को ‘‘समाप्त’’ कर दिया है और भारत के संघीय ढांचे को ‘‘कमजोर’’ कर दिया है।
उन्होंने कहा कि जहां पंजाब विधानसभा इन कदमों के खिलाफ मजदूरों के साथ मजबूती से खड़ी रही, वहीं कांग्रेस के नेतृत्व वाली राज्य सरकारों ने चुप्पी साधे रखी।
चीमा ने भाजपा नेतृत्व पर ग्रामीण विकास और पंचायती राज 2024-25 की स्थायी समिति की सिफारिशों का ‘‘झूठा’’ हवाला देकर अपने कार्यों को सही ठहराने का आरोप लगाया।
उन्होंने दावा किया कि सप्तगिरी शंकर उलाका की अध्यक्षता वाली समिति ने कभी भी धर्म के आधार पर योजना का नाम बदलने या प्रतिबंधात्मक बदलाव लाने की सिफारिश नहीं की। चीमा ने कहा कि इसके बजाय, समिति ने लंबित धनराशि को तत्काल जारी करने का आह्वान किया था।
भाषा आशीष पवनेश
पवनेश

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