केंद्र की पर्यावरण समिति ने चेनाब नदी पर दुलहस्ती जलविद्युत परियोजना को मंजूरी दी

केंद्र की पर्यावरण समिति ने चेनाब नदी पर दुलहस्ती जलविद्युत परियोजना को मंजूरी दी

केंद्र की पर्यावरण समिति ने चेनाब नदी पर दुलहस्ती जलविद्युत परियोजना को मंजूरी दी
Modified Date: December 27, 2025 / 12:50 pm IST
Published Date: December 27, 2025 12:50 pm IST

नयी दिल्ली, 27 दिसंबर (भाषा) पर्यावरण मंत्रालय के तहत एक समिति ने जम्मू कश्मीर के किश्तवाड़ जिले में चेनाब नदी पर 260 मेगावाट की दुलहस्ती जलविद्युत परियोजना के द्वितीय चरण को मंजूरी दे दी है। अधिकारियों ने शनिवार को यह जानकारी दी।

यह मंजूरी अप्रैल में हुए पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत द्वारा पाकिस्तान के साथ सिंधु जल संधि को निलंबित किए जाने की पृष्ठभूमि में दी गई है।

जलविद्युत परियोजनाओं के लिए विशेषज्ञ मूल्यांकन समिति (ईएसी) ने इस महीने की शुरुआत में अपनी 45वीं बैठक में इस परियोजना को स्वीकृति दी, जिससे लगभग 3,200 करोड़ रुपये की लागत वाली इस ‘रन-ऑफ-द-रिवर’ परियोजना के लिए निर्माण निविदाएं जारी करने का रास्ता साफ हो गया है।

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‘रन ऑफ द रिवर’ जल-विद्युत परियोजना से तात्पर्य ऐसी परियोजना से है, जिसमें नदियों के जल प्रवाह में बिना बाधा डाले जल-विद्युत का उत्पादन किया जाता है। इसमें नदी के मार्ग में बिना बड़े बांध बनाए प्रवाहित जल का उपयोग किया जाता है।

बैठक के ब्योरे के अनुसार, समिति ने इस बात का संज्ञान लिया कि चेनाब बेसिन का पानी 1960 की सिंधु जल संधि के प्रावधानों के अनुसार भारत और पाकिस्तान के बीच साझा किया जाता रहा है और परियोजना के मापदंड उसी संधि के अनुरूप तय किए गए थे।

हालांकि, समिति ने यह भी दर्ज किया कि ‘‘सिंधु जल संधि 23 अप्रैल 2025 से प्रभावी रूप से निलंबित है।’’

जब सिंधु जल संधि लागू थी तब पाकिस्तान को सिंधु, झेलम और चेनाब नदियों पर अधिकार था जबकि भारत को रावी, ब्यास और सतलुज नदियों पर। अब संधि के स्थगित होने के बाद केंद्र सरकार सिंधु बेसिन में कई जलविद्युत परियोजनाओं को आगे बढ़ा रही है, जिनमें सावलकोट, रातले, बरसर, पाकल दुल, क्वार, किरू और कीर्थई चरण-एक व चरण-दो शामिल हैं।

दुलहस्ती चरण-दो परियोजना मौजूदा 390 मेगावाट की दुलहस्ती चरण-एक जलविद्युत परियोजना (दुलहस्ती पावर स्टेशन) का विस्तार है, जो 2007 में नेशनल हाइड्रोइलेक्ट्रिक पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड (एनएचपीसी) द्वारा चालू किए जाने के बाद से सफलतापूर्वक संचालित हो रही है।

भाषा सुरभि अमित

अमित


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