सीजीएसटी कानून की धाराओं की संवैधानिकता को चुनौती : केंद्र, डीजीजीआई से जवाब तलब

सीजीएसटी कानून की धाराओं की संवैधानिकता को चुनौती : केंद्र, डीजीजीआई से जवाब तलब

सीजीएसटी कानून की धाराओं की संवैधानिकता को चुनौती : केंद्र, डीजीजीआई से जवाब तलब
Modified Date: November 29, 2022 / 08:42 pm IST
Published Date: December 10, 2020 11:45 am IST

नयी दिल्ली, 10 दिसंबर (भाषा) दिल्ली उच्च न्यायालय ने केंद्रीय वस्तु एवं सेवा कर (सीजीएसटी) अधिनियम के उन प्रावधानों की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली याचिका पर केंद्र और डीजीजीआई से जवाब मांगा है जो प्रावधान किसी व्यक्ति को गिरफ्तार करने के अधिकार से संबंधित हैं ।

न्यायमूर्ति मनमोहन और न्यायमूर्ति संजीव नरूला की पीठ ने सीजीएसटी अधिनियम की धारा 69 और 132 को असंवैधानिक, गैरकानूनी, लागू न करने योग्य घोषित करने की मांग कर रही याचिका पर केंद्र सरकार और जीएसटी खुफिया महानिदेशालय (डीजीजीआई) को नोटिस जारी किया।

अधिनियम की धारा 69 किसी व्यक्ति को गिरफ्तार करने की शक्ति से संबंधित है और धारा 132 कुछ अपराधों की सजा से संबंधित है जहां कोई व्यक्ति स्वयं अपराध करता है या ऐसा करने के लिए उकसाता है।

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अदालत ट्रांसलाइन टेक्नोलॉजीज प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक अरुण गुप्ता की याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें अधिकारियों को किसी भी अपराध की जांच वैध रूप से शुरू करने के लिए सीआरपीसी के तहत अनिवार्य प्रक्रिया का पालन करने का निर्देश देने की भी मांग की गई थी।

डीजीजीआई ने गुप्ता पर माल की आपूर्ति किए बिना, 13 करोड़ रुपये के फर्जी बिल जारी करने और सीजीएसटी कानून के तहत कथित अपराध करने का आरोप लगाया है ।

गुप्ता ने अधिकारियों को यह भी निर्देश दिए जाने की मांग की है कि ट्रांसलाइन टेक्नोलॉजीज के खिलाफ लंबित जांच के संबंध में उनके खिलाफ बलपूर्वक कार्रवाई न की जाए।

भाषा

शुभांशि मनीषा

मनीषा


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