फर्जी पीएम किसान ऐप के नाम पर ठगी, पुलिस ने लोगों से सतर्क रहने को कहा

फर्जी पीएम किसान ऐप के नाम पर ठगी, पुलिस ने लोगों से सतर्क रहने को कहा

फर्जी पीएम किसान ऐप के नाम पर ठगी, पुलिस ने लोगों से सतर्क रहने को कहा
Modified Date: June 7, 2025 / 05:32 pm IST
Published Date: June 7, 2025 5:32 pm IST

जयपुर, सात जून (भाषा) प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के मोबाइल ऐप के जरिए लोगों से ठगी करने का मामला सामने आने के बाद पुलिस ने लोगों को इससे सतर्क रहने की अपील करते हुए परामर्श जारी किया है।

पुलिस अधीक्षक (साइबर क्राइम) शांतनु कुमार ने बताया कि पीएम किसान सम्मान निधि योजना के नाम पर इन दिनों सोशल मीडिया पर एक नया साइबर जाल फैलाया जा रहा है।

उन्होंने कहा कि साइबर अपराधी सोशल मीडिया पर किसान सम्मान निधि योजना की मोबाइल एप्लीकेशन (ऐप) होने का दावा करने वाले एक फर्जी लिंक या एपीके फाइल शेयर कर लोगों को फांस रहे है।

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राजस्थान पुलिस की साइबर अपराध शाखा ने आम लोगों को इस संबंध में आगाह करते हुए परामर्श जारी किए है। साइबर अपराध शाखा के अनुसार पीएम किसान रजिस्ट्रेशन एवं पीएम किसान योजना की फर्जी एपीके फ़ाइल ‘व्हाट्सएप ग्रुप्स व अन्य माध्यमों से शेयर की जा रही है। दावा किया जा रहा है कि इस ऐप के जरिए किसान योजना में घर बैठे रजिस्ट्रेशन कर सकते हैं और तुरंत लाभ पा सकते हैं।

कुमार ने बताया कि लेकिन पुलिस जांच में सामने आया है कि इस फर्जी एपीके फाइल के जरिए बैकडोर मैलवेयर मोबाइल में इंस्टॉल हो जाता है। इससे मोबाइल का नियंत्रण साइबर अपराधियों के पास चला जाता है। अपराधी फिर मोबाइल स्क्रीन रिकॉर्डिंग, ओटीपी, बैंकिंग एप्स व अन्य संवेदनशील जानकारी हासिल कर बैंक खातों से अवैध रूप से धन निकाल रहे हैं।

साइबर अपराध शाखा ने स्पष्ट किया है कि पीएम किसान योजना में रजिस्ट्रेशन सिर्फ तहसील स्तर के कृषि कार्यालय, केंद्र सरकार के पोर्टल या सीएससी (कॉमन सर्विस सेंटर) के माध्यम से ही किया जाता है। इस योजना की आधिकारिक वेबसाइट पीएम किसान डॉट जीओवी डॉट इन है। पुलिस के अनुसार लोग केवल गूगल प्ले स्टोर से आधिकारिक ऐप ही डाउनलोड करें।

इसने आमजन, विशेषकर किसानों और ई-मित्र संचालकों से अपील की है कि किसी भी फर्जी लिंक या ऐप से सावधान रहें। यदि ऐसी किसी गतिविधि की जानकारी मिले तो तुरंत साइबर हेल्पलाइन नंबर 1930 पर या निकटतम पुलिस/साइबर थाने को सूचना दें।

भाषा पृथ्वी खारी रंजन

रंजन


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