नयी दिल्ली, 24 अप्रैल (भाषा) छत्तीसगढ़ में नक्सलियों को विस्फोटक और दैनिक उपयोग की सामग्री मुहैया कराने के मामले में एक विशेष अदालत ने तीन व्यक्तियों को सात साल के सश्रम कारावास की सजा सुनाई है। राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) द्वारा बृहस्पतिवार को जारी एक बयान में यह जानकारी दी गई।
बयान के अनुसार, दोषियों की पहचान सुकमा जिले के सेमल दीपक, नारा भास्कर और तेलम मुट्टा के रूप में हुई जो भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी) के कार्यकर्ता पाए गए। उन्हें वर्ष 2023 में छत्तीसगढ़ पुलिस ने गिरफ्तार किया था।
पुलिस ने उनकी गिरफ्तारी के दौरान उनके पास से इलेक्ट्रॉनिक डेटोनेटर, कॉर्डेक्स वायर और जिलेटिन जैसी विस्फोटक सामग्री बरामद की थी।
बयान में कहा गया कि एक अन्य आरोपी पुट्टी पैपी रेड्डी को बाद में गिरफ्तार किया गया था, लेकिन अदालत ने उसे बरी कर दिया।
एनआईए की जांच में खुलासा हुआ कि आरोपी सक्रिय माओवादियों के संपर्क में थे और उनके लिए विस्फोटक सामग्री तथा दैनिक उपयोग की सामग्री जुटाने और पहुंचाने का काम करते थे।
फरवरी 2024 में राज्य पुलिस से मामला अपने हाथ में लेने के बाद एनआईए ने मौखिक और दस्तावेजी साक्ष्य जुटाए, जिसके आधार पर अदालत ने तीनों आरोपियों को दोषी करार दिया।
बयान में कहा गया है, ‘‘छत्तीसगढ़ में प्रतिबंधित मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी) आतंकवादी संगठन के सदस्यों को विस्फोटक सामग्री की आपूर्ति से संबंधित एक मामले में जगदलपुर स्थित एनआईए विशेष अदालत ने बुधवार को तीन व्यक्तियों को सात-सात साल के सश्रम कारावास और जुर्माने की सजा सुनाई।’’
भाषा राखी नरेश मनीषा
मनीषा
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