कोकबोरोक भाषा की लिपि का चुनाव टिप्रासा समुदाय का आंतरिक मामला, बाहरी हुकुम नहीं दे सकते: प्रद्योत

कोकबोरोक भाषा की लिपि का चुनाव टिप्रासा समुदाय का आंतरिक मामला, बाहरी हुकुम नहीं दे सकते: प्रद्योत

कोकबोरोक भाषा की लिपि का चुनाव टिप्रासा समुदाय का आंतरिक मामला, बाहरी हुकुम नहीं दे सकते: प्रद्योत
Modified Date: December 14, 2025 / 03:22 pm IST
Published Date: December 14, 2025 3:22 pm IST

अगरतला, 14 दिसंबर (भाषा) टिपरा मोथा पार्टी (टीएमपी) के प्रमुख प्रद्योत किशोर माणिक्य देबबर्मा ने रविवार को कहा कि कोकबोरोक भाषा की लिपि का चुनाव टिप्रासा जनजाति का आंतरिक मामला है और इस पर कोई बाहरी व्यक्ति हुकुम नहीं चला सकता।

उनका यह बयान त्रिपुरा के मुख्यमंत्री माणिक साहा द्वारा एक रैली में दिए गए उस बयान के एक दिन बाद आया है, जिसमें उन्होंने आदिवासी नेताओं की मांग के अनुसार रोमन लिपि के बजाय राज्य की लगभग 19 जनजातियों द्वारा बोली जाने वाली कोकबोरोक भाषा के लिए एक स्वदेशी लिपि विकसित करने का सुझाव दिया था।

देबबर्मा ने सोशल मीडिया पर पोस्ट किए गए एक वीडियो में कहा, “कोकबोरोक के लिए लिपि का चुनाव टिप्रासा लोगों का आंतरिक मामला है। मैंने इस विषय पर राज्य के सबसे बड़े नेता की राय सुनी है। कोई भी बाहरी व्यक्ति टिप्रासा लोगों को यह हुकुम नहीं दे सकता कि वे परीक्षाओं में लिखने के लिए कौन सी लिपि का उपयोग करें।”

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मुख्यमंत्री का नाम लिए बिना देबबर्मा ने कहा, “अगर आपको अंग्रेजों के शासन के कारण अंग्रेजी से आपत्ति है, तो मंत्रियों और विधायकों से कहिए कि वे अपने बच्चों को अंग्रेजी माध्यम के स्कूलों में न भेजें।”

उन्होंने कहा कि अगर भाजपा शासित असम में कार्बी आंगलोंग जिले के छात्रों को उनकी आदिवासी भाषा लिखने के लिए रोमन लिपि का उपयोग करने की अनुमति दी जा सकती है, तो त्रिपुरा के टिप्रासा समुदाय के लोगों को उनकी पसंद से वंचित क्यों किया जाए।

देबबर्मा ने कहा, “हम सभी जानते हैं कि बांग्लादेश बनने की पृष्ठभूमि क्या थी। पाकिस्तान ने ‘ईस्ट पाकिस्तान’ में बांग्ला बोलने वाले लोगों पर उर्दू थोपने की कोशिश की, लेकिन लोगों ने इसे स्वीकार नहीं किया और बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन किए। इसके परिणामस्वरूप एक नया देश ‘बांग्लादेश’ बना।”

उन्होंने शनिवार को यहां भाजपा के जनजाति मोर्चा (आदिवासी शाखा) की रैली पर भी निशाना साधा।

उन्होंने कहा, “हमारे ब्लॉक स्तर की रैली में भीड़ आपके राज्य स्तर के कार्यक्रम से पांच गुना ज्यादा थी… हर कोई असली हालात जानता है। मेरे पास शायद आपके जितनी ताकत नहीं है, लेकिन मेरे पास टिप्रासा लोगों का समर्थन है, जो आपके पास नहीं है।”

मुख्यमंत्री के इस दावे के जवाब में कि आगामी चुनावों में भाजपा त्रिपुरा आदिवासी क्षेत्रीय स्वायत्त जिला परिषद की सभी 28 सीट जीत लेगी, देबबर्मा ने कहा, “सभी सीटें जीतकर दिखाइए।”

भाषा खारी रंजन

रंजन


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