नई दिल्लीः CJI NV Ramana Farewell सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायधीश एनवी रमना के कार्यकाल का आज अंतिम दिन था। अदालत में सेरेमोनियल बेंच की कार्यवाही का सीधा प्रसारण हुआ। अपने अंतिम कार्य दिवस पर सीजेआई रमन्ना ने नए सीजेआई नामित किए गए न्यायमूर्ति यूयू ललित और न्यायमूर्ति हिमा कोहली के साथ पीठ साझा की। >>*IBC24 News Channel के WHATSAPP ग्रुप से जुड़ने के लिए यहां CLICK करें*<<
CJI NV Ramana Farewell मिली जानकारी के अनुसार भारत के निवर्तमान मुख्य न्यायाधीश एनवी रमना को विदाई देते हुए वरिष्ठ अधिवक्ता दुष्यंत दवे फूट-फूट कर रो पड़े। दवे का कहना है कि सीजेआई रमना ने रीढ़ की हड्डी के साथ अपना कर्तव्य निभाया और एक नागरिक न्यायाधीश रहे हैं। हाल में निवर्तमान सीजेआई को दिल्ली उच्च न्यायालय बार एसोसिएशन ने विदाई कार्यक्रम आयोजित कर उन्हें विदाई दी। इस कार्यक्रम को सीजेआई ने भी संबोधित किया।
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अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि ‘मुझे आशा है कि मैं उस उम्मीद पर खरा उतरा, जिसकी आपने मुझसे अपेक्षा की थी। मैंने मुख्य न्यायाधीश के रूप में अपने कर्तव्यों का हर संभव तरीके से निर्वहन किया। आप सभी जानते हैं कि मैंने दो मुद्दों को उठाया एक बुनियादी ढांचा और दूसरा न्यायाधीशों की नियुक्ति। सुप्रीम कोर्ट और कॉलेजियम में जजों द्वारा दिए गए समर्थन के लिए मैं उनका धन्यवाद करता हूं। हमने उच्च न्यायालयों में लगभग 224 न्यायाधीशों को सफलतापूर्वक नियुक्त किया।’
इस कार्यक्रम में सुप्रीम कोर्ट के जज जस्टिस कौल, इंदिरा बनर्जी, संजीव खन्ना, एस रवींद्र भट और हिमा कोहली शामिल थे। कार्यक्रम में दिल्ली हाई कोर्ट के सभी पूर्व जजों के साथ-साथ बार एसोसिएशन के सदस्यों के साथ-साथ हाई कोर्ट के जज भी शामिल हुए। सीजेआई ने आगे कहा कि हम सुप्रीम कोर्ट में दिल्ली का प्रतिनिधित्व करने वाले छह लोग हैं। भले ही मैं रिटायर हो रहा हूं, लेकिन दिल्ली से पांच प्रतिनिधि हैं। मुझे उम्मीद है कि कुछ और प्रतिनिधि जल्द ही इसमें शामिल होंगे।
उन्होंने अपने संबोधन में आगे कहा कि दिल्ली उच्च न्यायालय की अपनी विशिष्ट विशेषताओं और मुकदमे की संख्या की तुलना किसी अन्य उच्च न्यायालय से नहीं की जा सकती है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि दिल्ली उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के रूप में उनका कार्यकाल एक सफल सीजेआई बनने के लिए लॉन्च पैड था। उन्होंने दिल्ली उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों की कड़ी मेहनत की सराहना करते हुए कहा कि न्यायाधीश रात 7 से 8 बजे तक अपने चैंबर में कड़ी मेहनत करते थे. वे सुबह जल्दी आते थे और कभी-कभी रात 8 बजे से 9 बजे तक काम करते थे। सीजेआई ने आगे कहा कि ‘मैं इसे देखकर हैरान था, अमूमन अन्य जगहों पर जज चार बजे तक चले जाते हैं।’
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