PM modi podcast: भारत-चीन के बीच संघर्ष में दोनों पक्षों के जवानों की हुई थी मौत, पॉडकास्ट में बोले पीएम मोदी

pm modi podcast : भारत, चीन के बीच प्रतिस्पर्धा कभी संघर्ष में नहीं बदलनी चाहिए: प्रधानमंत्री मोदी

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  • Publish Date - March 16, 2025 / 09:10 PM IST,
    Updated On - March 16, 2025 / 09:27 PM IST

pm modi podcast, IMAGE source: ANI

HIGHLIGHTS
  • भारत और चीन के बीच संघर्ष का कोई वास्तविक इतिहास नहीं
  • भारत और चीन सीमा पर 2020 में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर झड़प
  • वर्ष 1975 के बाद पहली बार दोनों देशों के बीच टकराव

नयी दिल्ली: pm modi podcast, चीन के साथ पूर्व में तनाव के बावजूद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने विवाद के बजाय बातचीत का समर्थन किया और कहा कि भारत और चीन के बीच मतभेद स्वभाविक हैं लेकिन मजबूत सहयोग दोनों पड़ोसियों के हित में है और यह वैश्विक स्थिरता के लिए भी आवश्यक है। अमेरिकी पॉडकास्टर लेक्स फ्रीडमैन के साथ एक पॉडकास्ट में, मोदी ने कहा कि भारत और चीन सीमा पर 2020 में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर झड़पों से पहले वाली स्थितियों को बहाल करने के लिए काम कर रहे हैं। वर्ष 1975 के बाद पहली बार दोनों देशों के बीच टकराव ने संघर्ष का रूप ले लिया था। इस संघर्ष में दोनों पक्षों के जवानों की मौत हुई थी।

मोदी ने पिछले साल अक्टूबर में चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग के साथ अपनी बैठक का जिक्र करते हुए कहा, “हालांकि, राष्ट्रपति शी के साथ हाल में हुई बैठक के बाद हमने सीमा पर सामान्य स्थिति की वापसी देखी है। हम अब 2020 से पहले की स्थितियों को बहाल करने के लिए काम कर रहे हैं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘धीरे-धीरे लेकिन निश्चित रूप से, विश्वास, उत्साह और ऊर्जा वापस आनी चाहिए। लेकिन स्वाभाविक रूप से, इसमें कुछ समय लगेगा, क्योंकि पांच साल हो गए हैं।’’

pm modi podcast मोदी ने कहा कि भारत और चीन के बीच सहयोग न केवल दोनों देशों के लिए लाभकारी है, बल्कि वैश्विक स्थिरता और समृद्धि के लिए भी आवश्यक है। उन्होंने कहा, ‘‘चूंकि 21वीं सदी एशिया की सदी है, हम चाहते हैं कि भारत और चीन स्वस्थ और स्वाभाविक तरीके से प्रतिस्पर्धा करें। प्रतिस्पर्धा बुरी चीज नहीं है, लेकिन इसे कभी संघर्ष में नहीं बदलना चाहिए।’’

भारत और चीन के बीच संबंध नए नहीं

मोदी ने कहा कि भारत और चीन के बीच संबंध नए नहीं हैं क्योंकि दोनों देशों की संस्कृति और सभ्यताएं प्राचीन हैं। उन्होंने कहा, ‘‘आधुनिक दुनिया में भी, वे एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। यदि आप ऐतिहासिक रिकॉर्ड को देखें तो सदियों से भारत और चीन ने एक-दूसरे से सीखा है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘साथ मिलकर, उन्होंने हमेशा किसी न किसी तरह से वैश्विक भलाई में योगदान दिया है। पुराने रिकॉर्ड बताते हैं कि एक समय भारत और चीन अकेले दुनिया के सकल घरेलू उत्पाद का 50 प्रतिशत से अधिक हिस्सा रखते थे। भारत का कितना बड़ा योगदान था। मेरा मानना है कि गहरे सांस्कृतिक संबंधों के साथ हमारे संबंध बेहद मजबूत रहे हैं।’’

भारत और चीन के बीच संघर्ष का कोई वास्तविक इतिहास नहीं

तीन घंटे से अधिक समय तक चली बातचीत के दौरान प्रधानमंत्री ने कहा कि अगर हम सदियों पीछे मुड़कर देखें तो भारत और चीन के बीच संघर्ष का कोई वास्तविक इतिहास नहीं है। उन्होंने कहा, ‘‘यह हमेशा एक-दूसरे से सीखने और एक-दूसरे को समझने के बारे में रहा है। एक समय चीन में बौद्ध धर्म का गहरा प्रभाव था और उस दर्शन का उद्भव भारत में हुआ।’’

उन्होंने कहा, ‘‘भविष्य में भी हमारे संबंध उतने ही मजबूत रहने चाहिए और आगे बढ़ते रहने चाहिए। मतभेद स्वाभाविक हैं। जब दो पड़ोसी देश होते हैं, तो कभी-कभी असहमति होती है।’’ प्रधानमंत्री ने कहा कि परिवार में भी सब कुछ सही नहीं होता “लेकिन हमारा प्रयास यह सुनिश्चित करना है कि मतभेद, विवाद में तब्दील नहीं हों”।

उन्होंने कहा, ‘‘इसलिए हम सक्रिय रूप से बातचीत की दिशा में काम कर रहे हैं। विवाद के बजाय, हम बातचीत पर जोर देते हैं, क्योंकि केवल बातचीत के माध्यम से हम एक स्थायी सहकारी संबंध का निर्माण कर सकते हैं जो दोनों देशों के सर्वोत्तम हितों को पूरा करता है।’’

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1. पीएम मोदी ने भारत-चीन संबंधों पर क्या कहा?

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत और चीन के बीच मतभेद स्वाभाविक हैं, लेकिन सहयोग दोनों देशों और वैश्विक स्थिरता के लिए आवश्यक है। उन्होंने 2020 से पहले की स्थितियों को बहाल करने के प्रयासों पर जोर दिया और कहा कि हाल ही में राष्ट्रपति शी चिनफिंग के साथ हुई बैठक के बाद सीमा पर सामान्य स्थिति लौट रही है।

2. क्या भारत-चीन के बीच तनाव को लेकर कोई नई पहल हो रही है?

हां, प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि दोनों देश 2020 से पहले की स्थितियों को बहाल करने के लिए काम कर रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि विश्वास, उत्साह और ऊर्जा को फिर से स्थापित करने में समय लगेगा, लेकिन यह प्रक्रिया जारी है।

3. पीएम मोदी ने भारत और चीन की ऐतिहासिक मित्रता के बारे में क्या कहा?

उन्होंने कहा कि भारत और चीन के संबंध नए नहीं हैं, बल्कि दोनों की सभ्यताएं प्राचीन हैं। सदियों से दोनों देशों ने एक-दूसरे से सीखा है और वैश्विक भलाई में योगदान दिया है। एक समय भारत और चीन मिलकर दुनिया के जीडीपी का 50% से अधिक हिस्सा रखते थे।