नई दिल्ली। देश में एक साथ लोकसभा और विधानसभा चुनाव की परिकल्पना के खिलाफ कांग्रेस ने विधि आयोग के पास अपनी असहमति दर्ज कराई है। पार्टी के एक प्रतिनिधिमंडल ने ये असहमति शुक्रवार को दर्ज कराई। इस प्रतिनिधिमंडल में मल्लिकार्जुन खड़गे, पी चिदंबरम, कपिल सिब्बल और अभिषेक मनु सिंघवी शामिल थे। कांग्रेस नेताओं ने आयोग से कहा कि एक साथ चुनाव भारतीय संघवाद की भावना के खिलाफ है।
कांग्रेस ने कहा कि वह लोकसभा और विधानसभा चुनाव एक साथ कराए जाने के विचार का ‘पुरजोर‘ विरोध करती है क्योंकि यह भारतीय संघवाद के बुनियादी ढांचे के खिलाफ है। कांग्रेस शिष्टमंडल ने विधि आयोग के प्रमुख से मुलाकात के दौरान उन्हें पार्टी के रुख से अवगत कराया।
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बता दें कि अभिषेक मनु सिंघवी पहले ही ये कह चुके हैं कि, ‘एक राष्ट्र एक चुनाव में कोई दम नहीं है। यह सिर्फ जुमला है। इसका मकसद लोगों को बरगलाना और मूर्ख बनाना है। एक साथ चुनाव की बात सुनने में अच्छी लगती है। इस विचार के पीछे इरादा अच्छा नहीं है। यह प्रस्ताव लोकतंत्र की बुनियाद पर कुठाराघात हैं। यह जनता की इच्छा के विरुद्ध है. इसके पीछे अधिनायकवादी रवैया है’।
दरअसल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पिछले कुछ समय से लोकसभा और विधानसभाओं के चुनाव एकसाथ कराने पर जोर दे रहे हैं। 17 जून को नीति आयोग की गवर्निंग काउंसिल की बैठक में पीएम मोदी ने कहा था, ‘हमने लोकसभा और विधानसभा के चुनाव एकसाथ कराने पर विचार-विमर्श का आह्वान कई पहलुओं को ध्यान में रखकर किया है, जिसमें वित्तीय बचत व संसाधनों के बेहतर इस्तेमाल की बात शामिल है।
वेब डेस्क, IBC24