मणिपुर में राष्ट्रपति शासन लागू करने की मांग कांग्रेस ने की थी: भाजपा विधायक

मणिपुर में राष्ट्रपति शासन लागू करने की मांग कांग्रेस ने की थी: भाजपा विधायक

मणिपुर में राष्ट्रपति शासन लागू करने की मांग कांग्रेस ने की थी: भाजपा विधायक
Modified Date: August 17, 2025 / 07:00 pm IST
Published Date: August 17, 2025 7:00 pm IST

इंफाल, 17 अगस्त (भाषा) भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के विधायक एल सुसिंड्रो मेईती ने रविवार को दावा किया कि मणिपुर में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग सबसे पहले कांग्रेस ने ही की थी और अब विपक्षी दल ने अपना पुराना रुख बदल दिया है।

सुसिंड्रो ने एक कार्यक्रम के इतर संवाददाताओं से कहा, ‘‘हम मंत्री थे और चाहते थे कि हमारी सरकार चलती रहे। हालांकि, ऐसे लोग, जो नहीं चाहते थे कि सरकार चलती रहे, उनकी भी अच्छी खासी संख्या थी और अंततः उस सरकार को जाना पड़ा।’’

खुरई से विधायक सुसिंड्रो का यह बयान प्रदेश कांग्रेस द्वारा लोकप्रिय सरकार की बहाली या नये चुनाव की बार-बार की जा रही मांग के बीच आया है।

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पूर्व लोक स्वास्थ्य अभियांत्रिकी मंत्री सुसिंड्रो ने कहा, ‘‘राष्ट्रपति शासन की मांग सबसे पहले कांग्रेस ने की थी। क्या पार्टी के सांसदों ने भी संसद में (मणिपुर में) राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग नहीं की थी? कांग्रेस नेता कहते रहते हैं कि वे पांच विधायकों के साथ क्या नहीं कर सकते। हालांकि, वे पांच विधायक सबसे ज्यादा समस्या पैदा करने वाले रहे हैं। उन पांच विधायकों को मणिपुर के हितों के अनुसार काम करना चाहिए था।’’

उन्होंने कहा, ‘‘हमारी सरकार को भंग करने की शुरुआत कांग्रेस के पांच विधायकों से हुई। जब पहली बार राष्ट्रपति शासन लगाया गया था, तब कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा था कि ‘डबल इंजन’ वाली सरकार के एक इंजन पर ब्रह्मास्त्र दागा गया है।’’

सुसिंड्रो ने कहा, ‘‘राष्ट्रपति शासन जारी रहेगा, क्योंकि कई लोग इसके पक्ष में हैं और उन्होंने इसकी मांग की थी। बाहर से ये लोग राष्ट्रपति शासन के खिलाफ बोलते हैं, लेकिन अंदर ही अंदर वे इसका समर्थन करते हैं। मौजूदा परिस्थितियों में, राष्ट्रपति शासन जारी रहने की संभावना है। आप साफ तौर पर चल रहा राजनीतिक नाटक देख सकते हैं।’’

मणिपुर में नौ फरवरी को तत्कालीन मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह के पद से इस्तीफा देने के बाद राज्य में 13 फरवरी को राष्ट्रपति शासन लगा दिया गया था। मौजूदा विधानसभा का कार्यकाल 2027 तक है और उसे निलंबित अवस्था में रखा गया है।

भाषा

राजकुमार पारुल

पारुल


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