कांग्रेस और राकांपा ने लोकसभा में उठाई किसानों की कर्जमाफी की मांग
कांग्रेस और राकांपा ने लोकसभा में उठाई किसानों की कर्जमाफी की मांग
नयी दिल्ली, चार दिसम्बर (भाषा) महाराष्ट्र और पंजाब के किसानों का कर्ज माफ करने की मांग सोमवार को लोकसभा में उठाई गई।
सदन में शून्यकाल के दौरान राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) की सुप्रिया सुले और कांग्रेस के जसबीर सिंह गिल ने क्रमश: महाराष्ट्र और पंजाब के किसानों की ‘दयनीय स्थिति’ का मुद्दा उठाया और कर्जमाफी की मांग केंद्र से की।
सुले ने कहा कि जलवायु परिवर्तन की मार के कारण कहीं अल्पवृष्टि हुई है तो कहीं जरूरत से अधिक बारिश, कहीं ओले पड़े हैं तो कहीं सूखे से किसान परेशान हैं।
उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र, खासकर यवतमाल और बारामती के किसानों की अंगूर, सोया, कपास और प्याज की फसलें तबाह हो गयी हैं, जिससे अन्नदाताओं को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
राकांपा सांसद ने कहा कि जलवायु परिवर्तन के प्रभावों से उत्पन्न इन समस्याओं से निपटने के लिए केंद्र सरकार के हस्तक्षेप की जरूरत है।
उन्होंने, साथ ही, किसानों के कर्ज माफ करने की भी केंद्र से मांग की।
कांग्रेस सदस्य गिल ने किसानों से बैंकों द्वारा ऋण पर भारी भरकम ब्याज लिए जाने का मामला उठाया। उन्होंने कहा कि उद्योगपतियों के कारोबार ऋण या आवास अथवा वाहन ऋण की दर की तुलना में किसानों को ट्रैक्टर या अन्य कृषि उपकरणों के लिए दिये जाने वाले कर्ज पर ब्याज दर काफी अधिक होता है।
उन्होंने कहा कि कृषि ऋण की दर 15 प्रतिशत तक और ट्रैक्टर या कृषि उपकरणों पर ब्याज दर 22 प्रतिशत तक ली जाती है।
उन्होंने केंद्र से मांग की कि बैंकों की ब्याज दर को पुनर्गठित किया जाना चाहिए, क्योंकि ऋण चुकता न कर पाने की स्थिति में किसान आत्महत्या कर लेते हैं।
उन्होंने भी पंजाब के किसानों की कर्जमाफी की केंद्र से मांग की।
तृणमूल कांग्रेस की अपरुपा पोद्दार ने अनुसूचित जाति (एससी) और अनुसूचित जनजाति (एसटी) तथा अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के खाली पदों पर भर्ती न किये जाने का मुद्दा उठाया।
उन्होंने आंकड़ों का हवाला देते हुए कहा कि रेलवे में एससी/एसटी और ओबीसी के 86,211 पद रिक्त हैं। उन्होंने केंद्रीय विश्वविद्यालयों में भी एससी/एसटी और ओबीसी आदि के पद रिक्त रहने का मुद्दा उठाया।
बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के ऋतेश पांडे ने शून्यकाल में सरकार से आग्रह किया कि उनके संसदीय क्षेत्र अम्बेडकरनगर में किसानों के रोष के मद्देनजर भूमि अधिग्रहण कानून में उचित संशोधन किया जाए, ताकि वहां के किसानों को पर्याप्त मुआवजा मिले, साथ ही उन जमीनों पर स्थापित होने वाले उद्योग धंधों में युवाओं को 50 फीसदी आरक्षण देने का प्रावधान किया जाए।
भाषा सुरेश सुरेश वैभव
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