कांग्रेस ने चुनावी बॉण्ड मुद्दे को लेकर प्रधानंमत्री मोदी पर निशाना साधा |

कांग्रेस ने चुनावी बॉण्ड मुद्दे को लेकर प्रधानंमत्री मोदी पर निशाना साधा

कांग्रेस ने चुनावी बॉण्ड मुद्दे को लेकर प्रधानंमत्री मोदी पर निशाना साधा

:   Modified Date:  May 2, 2024 / 10:17 PM IST, Published Date : May 2, 2024/10:17 pm IST

नयी दिल्ली, दो मई (भाषा) कांग्रेस ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को ‘भ्रष्ट जनता पार्टी’ करार देते हुए बृहस्पतिवार को आरोप लगाया कि इसने पारदर्शिता और निगरानी से बचने के लिए चुनावी बॉण्ड योजना जानबूझकर बनाई थी।

कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि अब समय आ गया है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के ‘सबसे बड़े जुमले’ को बेनकाब किया जाए कि चुनावी बॉण्ड ने राजनीतिक चंदे में पारदर्शिता बढ़ाई।

उन्होंने कहा, ‘‘चुनावी बॉण्ड पेश किए जाने से पहले, पार्टियों को भारत निर्वाचन आयोग (ईसीआई) को एक वार्षिक अंशदान रिपोर्ट जमा करनी होती थी जिसमें किसी भी व्यक्ति या कंपनी द्वारा 20 हजार रुपये से अधिक के किसी भी चंदे के लिए – चंदादाता का नाम, पता और राशि का विवरण देना होता था।’’

रमेश ने कहा कि चुनावी बॉण्ड पेश किए जाने के बाद, चुनावी बॉण्ड के माध्यम से दिये गये चंदे का अंशदान रिपोर्ट में उल्लेख करना जरूरी नहीं था।

उन्होंने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘ईसीआई और आरबीआई दोनों ने इस कदम पर अपना कड़ा विरोध जताया था।’’

रमेश ने कहा, ‘‘निर्वाचन आयोग ने मई 2017 में कानून मंत्रालय को लिखे एक पत्र में यह कहा था कि यह स्पष्ट है… कि चुनावी बॉण्ड के माध्यम से प्राप्त किसी भी चंदे की अंशदान रिपोर्ट में जानकारी देने से राजनीतिक दल को अलग रखा गया है और जहां तक दान की पारदर्शिता का सवाल है, इस प्रावधान को वापस लिया जाना चाहिए।’’

रमेश ने कहा आरबीआई ने जनवरी 2017 के एक पत्र में यह भी कहा था कि पारदर्शिता का इच्छित उद्देश्य प्राप्त नहीं किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि जैसा कि निर्वाचन आयोग और आरबीआई को आशंका थी, फरवरी में उच्चतम न्यायालय के हस्तक्षेप से पहले इस बात का एक भी विवरण जनता के सामने नहीं आया कि किस पार्टी को किस चंदादाता से चंदा मिला।

उन्होंने कहा, ‘‘अब हम जानते हैं कि जिन कंपनियों ने भाजपा को चंदा दिया था, उन्हें उसी अवधि के दौरान चार लाख करोड़ रुपये से अधिक के सरकारी अनुबंध और मंजूरी मिलीं।’’

उन्होंने कहा कि प्रत्येक कंपनी को अपने लाभ और हानि विवरण में किसी भी राजनीतिक चंदे का विस्तृत विवरण देना होगा, जिसमें अंशदान की कुल राशि और राजनीतिक दल का नाम भी शामिल होगा।

रमेश ने कहा, ‘‘चुनावी बॉण्ड लागू होने के बाद: राजनीतिक चंदे की सीमा खत्म कर दी गई। घाटे में चल रही कंपनियों सहित कोई भी कंपनी असीमित मात्रा में चंदा दे सकती है। कंपनियों को अब विशिष्ट राशि या यहां तक कि उन पार्टियों के नाम भी बताने की जरूरत नहीं थी जिन्हें उन्होंने चंदा दिया था। उन्हें लाभ-हानि विवरण में केवल राजनीतिक चंदे की कुल राशि दर्शानी थी।’’

रमेश ने कहा कि विदेशी कंपनियां गुप्त राजनीतिक चंदा देने के लिए चुनावी बॉण्ड का इस्तेमाल कर सकती हैं।

उन्होंने कहा कि चुनावी बॉण्ड आने से पहले विदेशी कंपनियों को राजनीतिक दलों को चंदा देने पर प्रतिबंध लगा दिया गया था।

उन्होंने कहा, ‘‘चुनावी बॉण्ड पेश किए जाने के बाद, भारत में सहायक कंपनियों वाली विदेशी कंपनियों को राजनीतिक दलों को चंदा देने की अनुमति देने के लिए विदेशी अंशदान विनियमन अधिनियम (एफसीआरए), 2010 में संशोधन किया गया था।’’

रमेश ने आरोप लगाया कि चुनावी बॉण्ड के माध्यम से विदेशी कंपनियों को भाजपा को दान देने में सक्षम बनाने के बाद, प्रधानमंत्री ने ‘पीएम केयर्स फंड’ के माध्यम से भी इसी तरह की कवायद की थी।

कांग्रेस महासचिव ने आरोप लगाया, ‘‘ ‘विश्वगुरू’ से ज्यादा किसी ने भी हमारे देश की संप्रभुता से इतना समझौता नहीं किया है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘कई मौकों पर, इसे पेश किए जाने से पहले और बाद में, चुनावी बॉण्ड योजना का निर्वाचन आयोग और आरबीआई द्वारा कड़ा विरोध किया गया था। मोदी सरकार ने उनकी असहमति की अनदेखी की और भ्रष्ट योजना को जबरन कानून बना दिया। पारदर्शिता और निगरानी से बचने के लिए ‘भ्रष्ट जनता पार्टी’ द्वारा चुनावी बॉण्ड योजना जानबूझकर बनाई गई थी।’’

रमेश ने कहा, ‘‘श्री मोदी आपने भारत के लोगों से बार-बार झूठ बोला है। अब आपका झूठ बेनकाब हो गया है। इस देश के लोग यह सुनिश्चित करेंगे कि चार जून को आपको अपने कृत्यों का परिणाम भुगतना पड़े।’’

भाषा

देवेंद्र पवनेश

पवनेश

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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