पूर्ववर्ती बीआरएस सरकार को बदनाम करने की कोशिश कर रही है कांग्रेस सरकार : रामा राव

पूर्ववर्ती बीआरएस सरकार को बदनाम करने की कोशिश कर रही है कांग्रेस सरकार : रामा राव

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  • Publish Date - December 24, 2023 / 07:41 PM IST,
    Updated On - December 24, 2023 / 07:41 PM IST

हैदराबाद, 24 दिसंबर (भाषा) तेलंगाना में कांग्रेस सरकार द्वारा राज्य की आर्थिक स्थिति पर जारी श्वेत पत्र त्रुटियों और झूठ से भरा होने का आरोप लगाते हुए विपक्षी दल भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) ने रविवार को कहा कि उसके शासनकाल के दौरान लिया गया सकल ऋण केवल 3,17,015 करोड़ रुपये था, न कि सरकार द्वारा बताया गया 6,71,757 करोड़ रुपये।

बीआरएस के 2014 से 2023 तक सत्ता में रहने के दौरान वित्तीय स्थिति और हासिल की गई प्रगति पर पावर प्वाइंट प्रस्तुति देने वाले कार्यकारी अध्यक्ष के.टी. रामाराव ने आरोप लगाया कि श्वेत पत्र आंकड़ों की बाजीगरी है और इसमें पिछली बीआरएस सरकार के खिलाफ निराधार आरोप शामिल हैं।

उन्होंने कहा, बीआरएस ने कांग्रेस सरकार के “खोखलेपन और राजनीतिक दिवालियापन” को उजागर करने के लिए ‘स्वेद पत्रम’ (कड़ी मेहनत दिखाने वाला दस्तावेज) नाम से प्रस्तुति देने का फैसला किया।

राज्य सरकार ने 20 दिसंबर को कहा था कि वित्त वर्ष 24 के अंत तक तेलंगाना पर 6,71,757 करोड़ रुपये का बकाया कर्ज होगा, जिसमें निगमों या संस्थानों के गैर-गारंटी वाले ऋण भी शामिल हैं, जबकि 2014-15 में यह 72,658 करोड़ रुपये था।

राव ने कहा, राज्य सरकार ने अपने श्वेत पत्र में कहा कि एफआरबीएम (राजकोषीय उत्तरदायित्व और बजट प्रबंधन) की सीमा के भीतर कर्ज 3,89,673 करोड़ रुपये था। राव ने कहा, हालांकि, 3,89,673 करोड़ रुपये में से 72,658 करोड़ रुपये 2014 में बीआरएस के सत्ता संभालने से पहले कांग्रेस सरकार का पुराना ऋण था।

उन्होंने कहा, “कांग्रेस सरकार का कहना है कि हमने राज्य को कर्ज में धकेल दिया, जो उसके श्वेत पत्र के अनुसार 6,71,757 करोड़ रुपये है। लेकिन हमारा कर्ज सिर्फ 3,17,015 करोड़ रुपये है। बाकी स्व-दृष्टिबंधन के तहत पूंजी निवेश के लिए और कुछ निगमों द्वारा उठाए गए ऋण हैं जिनके पास बहुत बड़ा परिसंपत्ति आधार है और वे अपने दम पर ऋण चुका सकते हैं।”

राव ने दावा किया कि पिछले दशक में बीआरएस सरकार ने “तेलंगाना में 50 लाख करोड़ रुपये से अधिक का मूल्य सृजन” सुनिश्चित किया था।

उन्होंने कहा, “पिछली बीआरएस सरकार के काम को बदनाम करने का प्रयास किया गया है। हाल के विधानसभा सत्र में, जब उन्होंने (कांग्रेस सरकार) एक श्वेत पत्र प्रस्तुत किया तो हमें अपने विचार प्रस्तुत करने का उचित मौका नहीं दिया गया।”

भाषा प्रशांत अमित

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