संविधान केन्द्र को राज्यों के प्रशासनिक अधिकरण भंग करने से नहीं रोकता : न्यायालय
संविधान केन्द्र को राज्यों के प्रशासनिक अधिकरण भंग करने से नहीं रोकता : न्यायालय
नयी दिल्ली, 21 मार्च (भाषा) उच्चतम न्यायालय ने मंगलवार को कहा कि संविधान के प्रावधान केन्द्र को राज्य प्रशासनिक अधिकरण (एसएटी) को भंग करने से नहीं रोकते हैं और उसने ओडिशा प्रशासनिक अधिकरण को भंग करने के फैसले को बरकरार रखा।
शीर्ष अदालत ने कहा कि नीतिगत फैसला किये जाने से पहले सामान्य जनता (या उसके एक वर्ग ) को उसकी बातें सुने जाने का अधिकार नहीं है।
प्रधान न्यायाधीश धनंजय वाई चन्द्रचूड़़ और न्यायमूर्ति हिमा कोहली की पीठ ने अपने फैसले में कहा कि ओडिशा प्रशासनिक अधिकरण (ओएटी) का गठन करने वाली अधिसूचना को रद्द करने के लिए केन्द्र सरकार ने जब साधारण खंड अधिनियम की धारा 21 को प्रशासनिक अधिकरण अधिनियम के प्रावधान 4(2) के साथ पढ़ते हुए लागू किया, तो उसने अपनी शक्तियों का वैध इस्तेमाल किया, क्योंकि ओएटी का गठन एक प्रशासनिक फैसला था, ना कि कोई अर्द्धन्यायिक फैसला था।
पीठ ने कहा, ‘‘अनुच्छेद 323-ए केन्द्र सरकार को एसएटी को भंग करने से नहीं रोकता है, क्योंकि यह प्रावधान केन्द्र सरकार को (संबंधित राज्य सरकार से प्रशासनिक अधिकरण अधिनियम की शर्तों के अनुरुप अनुरोध प्राप्त होने पर) अपने विवेकानुसार प्रशासनिक अधिकरणों का गठन करने का अधिकार देता है।’’
भाषा अर्पणा दिलीप
दिलीप

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