बेंगलुरु। ठेकेदार की मौत के बाद विवादों में घिरे कर्नाटक सरकार में मंत्री के. एस. ईश्वरप्पा ने शुक्रवार को राज्य मंत्रिमंडल से अपना इस्तीफा मुख्यमंत्री को सौंप दिया।
इस्तीफे से पहले ईश्वरप्पा बड़ी संख्या में अपने समर्थकों के साथ लिंगायत समुदाय के एक प्रसिद्ध मठ में गए और उनके साथ भोजन भी किया। कर्नाटक के ग्रामीण विकास और पंचायती राज मंत्री 73 वर्षीय ईश्वरप्पा ने मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई को अपना इस्तीफा सौंपा।
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गौरतलब है कि पुलिस ने ईश्वरप्पा के खिलाफ ठेकेदार संतोष पाटिल को आत्महत्या के लिए उकसाने का मामला दर्ज किया है। पाटिल का शव इस सप्ताह की शुरुआत में उडुपी के एक लॉज से मिला था।
बोम्मई को सौंपे गए एक लाइन के इस्तीफे में ईश्वरप्पा ने लिखा है कि वह स्वेच्छा से त्यागपत्र दे रहे हैं। बोम्मई ने कहा कि उन्होंने मंत्री का इस्तीफा स्वीकार कर लिया है और आगे की कार्रवाई के लिए उसे राज्यपाल के पास भेजेंगे।
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बाद में मुख्यमंत्री की उपस्थिति में पत्रकारों से बातचीत में ईश्वरप्पा ने कहा कि वह पार्टी और सरकार में लोगों का भरोसा बनाए रखने के लिए पद छोड़ रहे हैं ताकि उन्हें शर्मिंदा ना होना पड़े। इतना कहने के बाद उन्होंने एक बार फिर अपना इस्तीफा मुख्यमंत्री को सौंपा।
वरिष्ठ नेता ने कहा कि उन्होंने मुख्यमंत्री से इस राजनीतिक साजिश के पीछे की ताकतों का पता लगाने का अनुरोध किया है। ईश्वरप्पा ने कहा, ‘‘…संतोष पाटिल ने आत्महत्या की है या उसकी हत्या हुई है, यह पता चलना चाहिए और इसकी साजिश करने वालों और इसमें शामिल लोगों को गिरफ्तार कर उन्हें सजा दिलायी जानी चाहिए।’’ उन्होंने कहा, ‘‘अगर मेरी रत्ती भर भी गलती है तो भगवान मुझे सजा देंगे।’’