लोकसभा की एक, विधानसभा की छह सीट पर उपचुनाव के लिए मतगणना शुरू

लोकसभा की एक, विधानसभा की छह सीट पर उपचुनाव के लिए मतगणना शुरू

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  • Publish Date - December 8, 2022 / 08:50 AM IST,
    Updated On - December 8, 2022 / 08:50 AM IST

नयी दिल्ली, आठ दिसंबर (भाषा) उत्तर प्रदेश की मैनपुरी लोकसभा सीट और पांच राज्यों की छह विधानसभा सीट पर हुए उपचुनाव के लिए बृहस्पतिवार सुबह कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच मतगणना शुरू हो गई।

उत्तर प्रदेश में रामपुर सदर और खतौली, ओडिशा में पदमपुर, राजस्थान में सरदारशहर, बिहार में कुढनी और छत्तीसगढ़ में भानुप्रतापपुर विधानसभा सीट पर पांच दिसंबर को उपचुनाव हुआ था।

मैनपुरी में समाजवादी पार्टी (सपा) और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के बीच कांटे की टक्कर मानी जा रही है। यह सीट सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव के निधन के कारण खाली हुई थी।

वहीं, उत्तर प्रदेश में रामपुर सदर एवं खतौली विधानसभा सीट पर भाजपा और सपा-राष्ट्रीय लोकदल (रालोद) गठबंधन के बीच सीधा मुकाबला माना जा रहा है। बहुजन समाज पार्टी (बसपा) और कांग्रेस इन सीटों पर चुनाव नहीं लड़ रही हैं।

रामपुर सदर और खतौली में क्रमश: सपा विधायक आजम खां और भाजपा विधायक विक्रम सिंह सैनी को अलग-अलग मामलों में दोषी ठहराए जाने के बाद विधानसभा सदस्यता से अयोग्य घोषित किए जाने के कारण उपचुनाव जरूरी हो गया था।

मैनपुरी लोकसभा क्षेत्र में 54.01 प्रतिशत, खतौली विधानसभा क्षेत्र में 56.46 प्रतिशत और रामपुर सदर विधानसभा क्षेत्र में 33.94 प्रतिशत वोट पड़े थे।

वहीं, राजस्थान की सरदारशहर सीट कांग्रेस विधायक भंवर लाल शर्मा (77) के पास थी, जिनका लंबी बीमारी के बाद नौ अक्टूबर को निधन हो गया था। कांग्रेस ने वहां शर्मा के बेटे अनिल कुमार को मैदान में उतारा था, जबकि पूर्व विधायक अशोक कुमार भाजपा के उम्मीदवार थे। आठ अन्य उम्मीदवारों ने भी किस्मत आजमाई। उपचुनाव में 72 प्रतिशत से अधिक मतदान हुआ था।

ओडिशा में बीजू जनता दल (बीजद) के विधायक बिजय रंजन सिंह बरिहा के निधन के कारण पदमपुर सीट पर उपचुनाव कराया गया। यहां उपचुनाव में 71.74 प्रतिशत मतदान हुआ था। बीजद ने इस सीट से दिवंगत विधायक बरिहा की बेटी वर्षा को उम्मीदवार बनाया था। वर्षा को भाजपा के पूर्व विधायक प्रदीप पुरोहित और कांग्रेस प्रत्याशी एवं तीन बार के विधायक सत्य भूषण साहू से चुनौती मिली।

बिहार विधानसभा की कुढनी सीट पर हुए उपचुनाव में 58 प्रतिशत मतदाताओं ने अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया था।

छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित भानुप्रतापपुर विधानसभा क्षेत्र में भी उपचुनाव हुआ। कांकेर जिले के अंतर्गत आने वाले भानुप्रतापपुर क्षेत्र से कांग्रेस के विधायक और विधानसभा के उपाध्यक्ष मनोज सिंह मंडावी का 16 अक्टूबर को दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया था, जिस कारण यह सीट खाली हुई थी।

इस सीट से कांग्रेस ने दिवंगत विधायक की पत्नी सावित्री मंडावी को मैदान में उतारा था, जबकि भाजपा के उम्मीदवार पूर्व विधायक ब्रह्मानंद नेताम थे। कुल सात उम्मीदवारों ने इस सीट पर अपनी किस्मत आजमाई है।

भाषा निहारिका पारुल

पारुल