अदालत ने एम्स की रिपोर्ट के आधार पर 28 सप्ताह की गर्भवती को गर्भपात की इजाजत दी

अदालत ने एम्स की रिपोर्ट के आधार पर 28 सप्ताह की गर्भवती को गर्भपात की इजाजत दी

अदालत ने एम्स की रिपोर्ट के आधार पर 28 सप्ताह की गर्भवती को गर्भपात की इजाजत दी
Modified Date: November 29, 2022 / 08:50 pm IST
Published Date: January 11, 2021 9:58 am IST

नयी दिल्ली, 11 जनवरी (भाषा) दिल्ली उच्च न्यायालय ने 28 सप्ताह की गर्भवती महिला को गर्भपात करवाने की सोमवार को इजाजत दे दी। दरअसल एम्स के मेडिकल बोर्ड ने कहा था कि गर्भपात करवाया जा सकता है क्योंकि भ्रूण में ऐसा विकार है जिसमें खोपड़ी वाली हड्डी नहीं बन पाती है।

मुख्य न्यायाधीश डी एन पटेल और न्यायमूर्ति ज्योति सिंह की पीठ ने मेडिकल बोर्ड की रिपोर्ट के आधार पर महिला को चिकित्सकीय गर्भपात की इजाजत देते हुए उनकी याचिका का निपटारा कर दिया।

अदालत ने कहा कि विस्तृत आदेश जल्द जारी किया जाएगा।

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इससे पहले, सात जनवरी को पीठ ने अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) को महिला की जांच करने के लिए मेडिकल बोर्ड का गठन करने तथा 11 जनवरी तक रिपोर्ट देकर बताने को कहा था कि गर्भपात की इजाजत दी जा सकती है या नहीं।

महिला ने याचिका में कहा था, ‘‘27 हफ्ते तथा पांच दिन के गर्भ की अल्ट्रा सोनोग्राफी करने पर पता चला कि भ्रूण ‘ऐनेसेफेली’ विकार से पीड़ित है जिसमें खोपड़ी की हड्डी नहीं बनती है।’’

भाषा

वैभव अनूप

अनूप


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