नयी दिल्ली, 30 अप्रैल (भाषा) दिल्ली की अदालत ने राष्ट्रीय राजधानी के उत्तर पूर्वी हिस्से में 2020 के शुरुआत में हुए दंगे के मामले में कांग्रेस की पूर्व पार्षद इशरत जहां, कार्यकर्ता खालिद सैफी और 11 अन्य के खिलाफ औपचारिक रूप से हत्या की कोशिश सहित अन्य आरोप तय किए। इसी के साथ अब इस मामले की सुनवाई का रास्ता साफ हो गया है।
आरोपियों के खिलाफ मामले की सुनवाई सोमवार को अतिरिक्त सत्र न्यायधीश समीर बाजपेयी ने की। न्यायधीश ने रेखांकित किया कि पूर्ववर्ती अदालत ने 19 जनवरी को आरोपियों के खिलाफ आरोप तय करने का आदेश दिया था।
अदालत ने कहा, ‘‘सभी आरोपियों के खिलाफ आरोप तय किया जाता है जिन्होंने खुद को बेगुनाह बताया है और मुकदमे की सुनवाई की मांग की है।’’
दिल्ली पुलिस की ओर से विशेष लोक अभियोजक आर सी एस भदौरिया उपस्थित हुए। यह मामला जगत पुरी पुलिस थाना क्षेत्र में 26 फरवरी 2020 को हुए सांप्रदायिक दंगे से जुड़ा है।
अभियोजन पक्ष द्वारा दाखिल आरोप पत्र के मुताबिक 13 आरोपियों सहित एक दंगाई भीड़ ने तितर-बितर होने के दिल्ली पुलिस के निर्देश का पालन करने से इनकार कर दिया और पुलिस अधिकारियों को उनके कर्तव्यों के पालन में बाधा डालते हुए पथराव और हमला किया, और एक हेड कांस्टेबल पर गोली भी चलाई।
मामले में अन्य आरोपियों के नाम विक्रम प्रताप, समीर अंसारी, मोहम्मद सलीम, साबू अंसारी, इकबाल अहमद, अंजार, मोहम्मद इलियास, मोहम्मद बिलाल सैफ, सलीम अहमद, मोहम्मद यामीन और शरीफ खान हैं।
भाषा
धीरज माधव
माधव