प्रियांक खरगे ने वीबी-जी राम जी विधेयक की कड़ी आलोचना की

प्रियांक खरगे ने वीबी-जी राम जी विधेयक की कड़ी आलोचना की

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  • Publish Date - December 22, 2025 / 10:46 AM IST,
    Updated On - December 22, 2025 / 10:46 AM IST

बेंगलुरु, 22 दिसंबर (भाषा) कर्नाटक के मंत्री प्रियांक खरगे ने सोमवार को ‘मनरेगा’ के स्थान पर लाए गए केंद्र सरकार के ‘वीबी-जी राम जी’ अधिनियम, 2025 की कड़ी आलोचना की और दावा किया कि नए कानून में किए गए बदलाव पिछले अधिनियम के मूल वादे को कमजोर एवं निष्प्रभावी बनाते हैं।

प्रियांक खरगे ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा कि यह अधिनियम धीरे-धीरे इस योजना को मांग-आधारित कानूनी अधिकार से आपूर्ति-आधारित व्यवस्था में बदलकर इसे अव्यवहारिक बना देगा, जिससे नागरिकों को काम की मांग करने के अधिकार से वंचित कर दिया जाएगा।

उन्होंने कहा कि यद्यपि केंद्र के पास अधिकांश निर्णय लेने की शक्तियां रहेंगी लेकिन राज्यों को वित्तीय और प्रशासनिक बोझ का बड़ा हिस्सा वहन करने के लिए मजबूर होना पड़ेगा।

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के बेटे प्रियांक खरगे ने अपनी पोस्ट में कहा, ‘‘वीबी-जी राम जी विधेयक के बारे में बहुत कुछ कहा गया है लेकिन इन सब बातों से परे ये बदलाव धीरे-धीरे इस योजना को अव्यवहारिक बना देंगे और अंततः अधिकार-आधारित ग्रामीण रोजगार गारंटी के विचार को ही खत्म कर देंगे।’’

ग्रामीण विकास, पंचायत राज और सूचना प्रौद्योगिकी एवं जैव प्रौद्योगिकी मंत्रालय का प्रभार संभालने वाले मंत्री ने कहा कि प्रस्तावित बदलाव राजकोषीय संघवाद को कमजोर करने के समान हैं, विशेष रूप से ऐसे समय में जब राज्य पहले से ही घटते वित्तीय संसाधनों का सामना कर रहे हैं।

केंद्र सरकार के तर्क पर सवाल उठाते हुए कर्नाटक के मंत्री ने पूछा कि इस कानून को सुधार कैसे कहा जा सकता है, जबकि यह उन ग्रामीण श्रमिकों के लिए योजना को सार्थक रूप से मजबूत करने में विफल रहा है जो आजीविका सुरक्षा के लिए इस पर निर्भर हैं।

खरगे ने कहा कि काम करने के कानूनी अधिकार को ‘नाममात्र की केंद्रीय प्रायोजित योजना’ में बदलना मनरेगा के मूल उद्देश्य को ही विफल कर देगा।

मल्लिकार्जुन खरगे ने भी रविवार को मनरेगा को समाप्त करने के लिए केंद्र सरकार की कड़ी आलोचना की थी।

संसद ने 18 दिसंबर को रोजगार और आजीविका मिशन (ग्रामीण) के लिए विकसित भारत गारंटी विधेयक (वीबी-जी राम जी विधेयक) पारित किया और राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने रविवार को इस विधेयक को अपनी मंजूरी देकर इसे अधिनियम बना दिया। यह अधिनियम 20 साल पुराने महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) के स्थान पर लाया गया है।

भाषा गोला शोभना

शोभना