इंफाल, 22 दिसंबर (भाषा) मणिपुर के पेट्रोल पंप डीलरों ने कहा है कि यदि सरकार जबरन वसूली की घटनाओं के खिलाफ इस सप्ताह के अंत तक कार्रवाई करने में विफल रहती है तो उन्हें अपना काम-काज रोकना पड़ेगा।
‘मणिपुर पेट्रोलियम डीलर्स फ्रेटरनिटी’ (एमपीडीएफ) ने एक बयान में कहा कि 10 दिसंबर को राज्यपाल अजय कुमार भल्ला को इस संबंध में ज्ञापन सौंपे जाने के बावजूद उनकी सुरक्षा को लेकर सरकार द्वारा कोई ठोस कदम नहीं उठाए जाने से वे बेहद निराश हैं।
मई 2023 में भड़के जातीय संघर्षों से निपटने के तरीके को लेकर राज्य सरकार की आलोचनाओं के बीच मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने इस्तीफा दे दिया था जिसके बाद फरवरी से मणिपुर में राष्ट्रपति शासन लागू है।
विभिन्न उग्रवादी संगठन इस संकट का फायदा उठाते हुए पेट्रोल पंपों सहित स्थानीय व्यवसायों को निशाना बनाकर जबरन वसूली कर रहे हैं। जबरन वसूली से जुड़े मामलों में अब तक ऐसे संगठनों के सैकड़ों सदस्यों को गिरफ्तार किया जा चुका है।
एमपीडीएफ ने ज्ञापन में अपने जीवन और संपत्ति के लिए बढ़ते खतरों का जिक्र करते हुए राज्यपाल के त्वरित हस्तक्षेप की मांग की है।
रविवार को जारी बयान में कहा गया, ‘‘लगातार बम धमकियों, उगाही और अवैध मांगों के संबंध में ‘मणिपुर पेट्रोलियम डीलर्स फ्रेटरनिटी’ द्वारा 10 दिसंबर 2025 को मणिपुर के राज्यपाल को सौंपे गए ज्ञापन को लेकर राज्य के अधिकारियों की ओर से अभी तक कोई भी सकारात्मक या ठोस कार्रवाई नहीं की गई है।’’
इसमें कहा गया, ‘‘यह खेद की बात है कि ये धमकियां और गैरकानूनी मांगें बेरोकटोक जारी हैं और इनसे जीवन एवं संपत्ति को गंभीर जोखिम पैदा हो रहा है।’’
एमपीडीएफ ने कहा कि यदि अधिकारी 28 दिसंबर तक कार्रवाई करने में विफल रहते हैं, तो पेट्रोल पंप डीलरों के पास संचालन बंद करने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचेगा।
भाषा सिम्मी मनीषा
मनीषा