अदालत ने विमान का रखरखाव न करने पर गो फर्स्ट समाधान पेशेवर को कारण बताओ नोटिस जारी किया |

अदालत ने विमान का रखरखाव न करने पर गो फर्स्ट समाधान पेशेवर को कारण बताओ नोटिस जारी किया

अदालत ने विमान का रखरखाव न करने पर गो फर्स्ट समाधान पेशेवर को कारण बताओ नोटिस जारी किया

:   Modified Date:  March 10, 2024 / 04:53 PM IST, Published Date : March 10, 2024/4:53 pm IST

नयी दिल्ली, 10 मार्च (भाषा) दिल्ली उच्च न्यायालय ने वित्तीय संकट से जूझ रही ‘गो फर्स्ट’ विमानन कंपनी के समाधान पेशेवर (आरपी) को कारण बताओ नोटिस जारी कर पूछा है कि पट्टेदारों (किराए पर विमान मुहैया कराने वालों) के विमानों के निरीक्षण और रखरखाव की अनुमति देने संबंधी न्यायिक आदेशों की प्रथम दृष्टया जानबूझकर अवहेलना करने के लिए उसके खिलाफ अवमानना की कार्यवाही क्यों नहीं शुरू की जानी चाहिए।

उच्च न्यायालय ने कहा कि अदालत के आदेशों को लागू करने की मांग करने वाले पट्टेदार द्वारा अवमानना कार्यवाही का अनुरोध किए जाने के बाद आरपी 12 अक्टूबर, 2023 के फैसले के कार्यान्वयन में कठिनाइयों की दलील नहीं दे सकता।

न्यायमूर्ति तारा वितस्ता गंजू ने कहा, ‘‘इस अदालत के आदेशों की प्रतिवादी/आरपी द्वारा प्रथम दृष्टया जानबूझकर अवज्ञा की गई। कारण बताओ नोटिस जारी करें कि क्यों न अवमानना की कार्यवाही शुरू की जाए…।’’

आरपी के वकील ने कहा कि वह विमान के रखरखाव के संबंध में स्थिति पर जवाब देने के इच्छुक हैं।

अदालत ने मामले को 15 मार्च को आगे की सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया।

विमान प्रदाता 13 आयरलैंड डेजिग्नेटेड एक्टिविटी कंपनी (एसवाई-22) ने अदालत से अनुरोध किया है कि रखरखाव एवं मरम्मत के लिए विमानों तक पहुंच देने के अदालती आदेश की अवहेलना करने पर गो फर्स्ट के आरपी के खिलाफ अवमानना प्रक्रिया शुरू की जानी चाहिए।

याचिका में कहा गया है कि आरपी ने विमानों का रखरखाव नहीं किया, उन्हें आवश्यक दस्तावेज उपलब्ध नहीं कराए गए और यहां तक कि अदालत के निर्देश के बावजूद निरीक्षण की भी अनुमति नहीं दी गई।

कई अन्य पट्टादाताओं ने भी समय-समय पर अदालत द्वारा पारित आदेशों का अनुपालन न करने के संबंध में इसी तरह के मुद्दे उठाए हैं।

अदालत के समक्ष गो फर्स्ट के पट्टादाताओं की कई याचिकाएं हैं जिनमें विमानन नियामक डीजीसीए (नागर विमानन महानिदेशालय) द्वारा उनके विमानों का पंजीकरण रद्द करने की मांग की गई है ताकि वे उन्हें विमानन कंपनी से वापस ले सकें।

दूसरी ओर, आरपी ने कहा है कि अदालत के आदेशों की जानबूझकर कोई अवज्ञा नहीं की गई थी और वह इनके अनुपालन को प्रभावी बनाने के लिए कदम उठा रहे हैं।

अदालत ने 12 अक्टूबर, 2023 को ‘गो फर्स्ट’ के पट्टादाताओं को कई महीनों से बेकार पड़े अपने विमान की सुरक्षा के लिए 24 घंटे सुरक्षाकर्मियों को नियुक्त करने की अनुमति दे दी।

उसने आरपी से विमान, इंजन और एयरफ्रेम तथा अन्य कलपुर्जों के रखरखाव से संबंधित दस्तावेज पट्टादाताओं के साथ साझा करने को भी कहा था।

भाषा सिम्मी रंजन

रंजन

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)