नफरती भाषण देने के मामले में अब्बास अंसारी की दोषसिद्धि रद्द

नफरती भाषण देने के मामले में अब्बास अंसारी की दोषसिद्धि रद्द

नफरती भाषण देने के मामले में अब्बास अंसारी की दोषसिद्धि रद्द
Modified Date: August 20, 2025 / 11:01 pm IST
Published Date: August 20, 2025 11:01 pm IST

प्रयागराज/लखनऊ, 20 अगस्त (भाषा) इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने 2022 में नफरत भरा भाषण देने संबंधी मामले में पूर्व सांसद मुख्तार अंसारी के बेटे अब्बास अंसारी की दोषसिद्धि बुधवार को रद्द कर दी।

अदालत के इस फैसले के साथ ही अब्बास की विधानसभा सदस्यता बहाल होने का रास्ता भी लगभग साफ हो गया है।

न्यायमूर्ति समीर जैन ने विशेष सांसद-विधायक अदालत के उस आदेश को रद्द कर दिया, जिसमें अब्बास को दो साल के सश्रम कारावास की सजा सुनाई गई थी। मऊ की विशेष अदालत ने इस मामले में 31 मई को अब्बास को दोषी ठहराते हुए यह सजा सुनाई थी।

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अब्बास अंसारी के वकील के मुताबिक, उच्च न्यायालय द्वारा दोषसिद्धि पर रोक लगाए जाने से अब्बास अंसारी की विधायकी बहाली में मदद मिलेगी। अंसारी 2022 में सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के टिकट पर मऊ विधानसभा सीट से विधायक चुने गए थे।

दोषसिद्धि पर रोक लगाते हुए अदालत ने कहा, ‘‘अपीलकर्ता चुनाव के समय विधायक थे और वह भाषण दे रहे थे। यद्यपि विधायक होने के नाते उन्हें खुद को काबू में रखना चाहिए, लेकिन इस तरह का भाषण देने मात्र से उनकी दोषसिद्धि पर रोक लगाने से इनकार करना ना केवल अपीलकर्ता, बल्कि उन्हें चुनने वाले मतदाताओं के साथ भी अन्याय के समान है।’’

अदालत ने कहा, ‘‘ऐसा लगता है कि दोषसिद्धि पर रोक लगाने के अनुरोध को ठुकराते समय अपीलीय अदालत ने इस पहलू पर विचार नहीं किया। अपीलकर्ता को आईपीसी (भारतीय दंड संहिता) की धाराओं 153ए, 189 और 171एफ के तहत अपराध के लिए दोषी करार दिए जाने से वह ना केवल उस समय अयोग्य हुए, बल्कि भविष्य में चुनाव लड़ने के लिए भी अयोग्य हो गए।’’

अब्बास को भारतीय दंड संहिता की धाराओं 153-ए (विभिन्न समूहों के बीच वैमनस्य बढ़ाना) और 189 (लोक सेवक को चोट पहुंचाने की धमकी), धारा 506 (आपराधिक धमकी) और धारा 171एफ (चुनाव में अनुचित प्रभाव डालना) के तहत सजा सुनाई गई थी।

उन पर 2,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया गया था।

अब्बास ने अपीलीय अदालत का रुख किया, जिसने पांच जुलाई को उनकी याचिका खारिज कर दी।

इसके बाद उन्होंने राहत के लिए उच्च न्यायालय का रुख किया था।

दोषसिद्धि रद्द किए जाने के बाद अब्बास की विधानसभा सदस्यता बहाल किए जाने की संभावना प्रबल हो गई है।

विधानसभा सचिवालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने नाम गोपनीय रखने की शर्त पर बताया कि दोषसिद्धि रद्द किए जाने की स्थिति में सदन की सदस्यता बहाल किए जाने के लिए अपील की जा सकती है।

अब्बास के चाचा और गाजीपुर से समाजवादी पार्टी के सांसद अफजाल अंसारी ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि उच्च न्यायालय ने दोषसिद्धि को रद्द कर दिया है और सजा के खिलाफ मऊ की स्थानीय अदालत में याचिका लंबित है इसलिए अब्बास की विधानसभा सदस्यता बहाल किए जाने की अर्जी विधानसभा अध्यक्ष के समक्ष पेश की जाएगी।

मऊ सदर विधानसभा क्षेत्र से सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के तत्कालीन विधायक अंसारी ने राज्य सरकार के अधिकारियों को 2022 के विधानसभा चुनाव के बाद समाजवादी पार्टी के सत्ता में आने पर कथित तौर पर परिणाम भुगतने की धमकी दी थी।

उन्होंने कथित तौर पर कहा था ‘‘मैंने अखिलेश भैया (पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव) से कहा है कि सरकार बनने के बाद, छह महीने तक नौकरशाहों का कोई तबादला या तैनाती नहीं होगी। सभी वहीं रहेंगे जहां वे हैं। पहले हिसाब-किताब होगा, उसके बाद ही तबादले होंगे।’’

अब्बास ने मऊ सीट से 38,000 से ज्यादा मतों से जीत हासिल की थी।

भाषा राजेंद्र सलीम सिम्मी

सिम्मी


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