कोर्ट ने कहा, मतदाता पहचान पत्र भी नागरिकता का प्रमाण, अवैध बांग्लादेशी के संदेह से दंपति को किया बरी

कोर्ट ने कहा, मतदाता पहचान पत्र भी नागरिकता का प्रमाण, अवैध बांग्लादेशी के संदेह से दंपति को किया बरी

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  • Publish Date - February 15, 2020 / 02:10 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:15 PM IST

मुंबई। सीएए के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के बीच मुंबई की एक अदालत ने कहा है कि मतदाता पहचान पत्र भी नागरिकता का प्रमाण है। मुंबई की एक मजिस्ट्रेट अदालत ने एक जोड़े को अवैध बांग्लादेशी प्रवासियों के रूप में संदेह से बरी करते हुए ये बात कही है। कोर्ट ने जोड़े को बरी करते हुए कहा, ‘जन्म प्रमाण पत्र, निवास प्रमाण पत्र, मूल निवासी प्रमाण पत्र, पासपोर्ट आदि को किसी भी व्यक्ति के मूल प्रमाण के तौर पर माना जा सकता है।’

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कोर्ट ने कहा है कि मूल पहचान पत्र नागरिकता का प्रमाण है, जब तक कि अन्यथा साबित न हो, दंपति को 2017 में अवैध रूप से भारत में प्रवेश करने और बिना दस्तावेज के मुंबई में रहने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था।

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कोर्ट ने आगे कहा, “यहां तक कि वोटर कार्ड को भी नागरिकता का पर्याप्त प्रमाण कहा जा सकता है क्योंकि चुनाव कार्ड या मतदान कार्ड के लिए आवेदन करते समय, जन प्रतिनिधि अधिनियम के फार्म 6 के तहत एक व्यक्ति को प्राधिकरण के समक्ष नागरिक के तौर पर घोषणा पत्र दाखिल करना होता है कि वह भारत का नागरिक है, यदि घोषणा झूठी पाई जाती है, तो वह सजा के लिए उत्तरदायी होता है।”

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