सार्वजनिक जगहों पर हिंसा के आरोपियों की फोटो लगाने पर हाईकोर्ट सख्त, कोर्ट ने पूछा किस नियम के तहत हुई ऐसी कार्रवाई

सार्वजनिक जगहों पर हिंसा के आरोपियों की फोटो लगाने पर हाईकोर्ट सख्त, कोर्ट ने पूछा किस नियम के तहत हुई ऐसी कार्रवाई

सार्वजनिक जगहों पर हिंसा के आरोपियों की फोटो लगाने पर हाईकोर्ट सख्त, कोर्ट ने पूछा किस नियम के तहत हुई ऐसी कार्रवाई
Modified Date: November 29, 2022 / 08:28 pm IST
Published Date: March 8, 2020 1:35 pm IST

इलाहाबाद। उत्तर प्रदेश में सीएए और एनआरसी को लेकर विरोध प्रदर्शन के दौरान हुई हिंसा में कथित आरोपियों की सार्वजनिक फोटो लगाने को लेकर आज इलाहाबाद हाईकोर्ट में सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने कहा कि यह गंभीर विषय है। कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया है और सोमवार को दोपहर दो बजे फैसला सुनाया जाएगा। चीफ जस्टिस गोविन्द माथुर एवं जस्टिस रमेश सिन्हा की बेंच ने सुनवाई के दौरान कहा कि कोई भी ऐसा कदम नहीं उठाया जाना चाहिए जिससे किसी के दिल को ठेस पहुंचे।

ये भी पढ़ें:पीएम मोदी के ट्विटर अकाउंट से इन महिलाओं ने रखी अपनी बात, साझा किए अपने अनुभव

यहां हाई कोर्ट सोशल वर्कर, पूर्व आईपीएस की फोटो वाली होर्डिंग्स लगाने को लेकर सख्ती से पेश आया और कोर्ट ने पुलिस कमिश्नर और जिलाधिकारी को तलब किया है। कोर्ट ने पूछा कि किस नियम के तहत यह कार्रवाई की गई है। कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश गोविंद माथुर ने मामले का स्वत: संज्ञान लेते हुए कहा कि क्या सरकार लोगों के निजी स्वतंत्रता और व्यक्तिगत स्थानों का अतिक्रमण नहीं कर रही है।

 ⁠

ये भी पढ़ें: भारतीय इतिहास में पहली इतना महंगा हुआ Gold, जानिए क्या है आज के सोन…

गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा लगाई गई होर्डिंग्स में पूर्व आईपीएस एसआर दारापुरी, एक्टिविस्ट सदफ जफर और दीपक कबीर की तस्वीरें भी हैं। पूर्व आईपीएस एसआर दारापुरी के लिए होर्डिंग में कहा गया है कि उन्होनें 19 दिसंबर को तोड़फोड़ की जिससे करीब 65 लाख रुपये का नुकसान हुआ, जो उन लोगों से वसूला जाएगा। इस मामले में आरोपी सभी लोग जमानत पर बाहर हैं और कहा है कि वे अपनी संपत्ति कुर्क करने के लिए सरकार के किसी भी कदम को अदालत में चुनौती देंगे।

ये भी पढ़ें:  एक के बाद एक 11 छात्राओं से टीचर ने किया दुष्कर्म, छुट्टी होने के ब…

बता दें कि 19 दिसंबर को हुई हिंसा में राजधानी लखनउ में सरकारी संपत्ति को करोड़ों का नुकसान पहुंचाया गया था, जिसके तहत आरोपियों की पहचान के बाद उनके पोस्टर नाम और पता सहित रिकवरी करने के लिए चौराहों पर लटकाए गए थे, जिला प्रशासन का कहना था कि ऐसा करने के पीछे हिंसा करने वालों को बेनकाब करना है।


लेखक के बारे में

"दीपक दिल्लीवार, एक अनुभवी पत्रकार हैं, जिन्हें मीडिया इंडस्ट्री में करीब 10 साल का एक्सपीरिएंस है। उन्होंने अपने करियर की शुरुआत एक ऑनलाइन समाचार वेबसाइट से की थी, जहां उन्होंने राजनीति, खेल, ऑटो, मनोरंजन टेक और बिजनेस समेत कई सेक्शन में काम किया। इन्हें राजनीति, खेल, मनोरंजगन, टेक्नोलॉजी, ऑटोमोबाइल और बिजनेस से जुड़ी काफी न्यूज लिखना, पढ़ना काफी पसंद है। इन्होंने इन सभी सेक्शन को बड़े पैमाने पर कवर किया है और पाठकों लिए बेहद शानदार रिपोर्ट पेश की है। दीपक दिल्लीवार, पिछले 5 साल से IBC24 न्यूज पोर्टल पर लीडर के तौर पर काम कर रहे हैं। इन्हें अपनी डेडिकेशन और अलर्टनेस के लिए जाना जाता है। इसी की वजह से वो पाठकों के लिए विश्वसनीय जानकारी के सोर्स बने हुए हैं। वो, निष्पक्ष, एनालिसिस बेस्ड और मजेदार समीक्षा देते हैं, जिससे इनकी फॉलोवर की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है। काम के इतर बात करें, तो दीपक दिल्लीवार को खाली वक्त में फिल्में, क्रिकेट खेलने और किताब पढ़ने में मजा आता है। वो हेल्दी वर्क लाइफ बैलेंस करने में यकीन रखते हैं।"