पीड़िता ने उम्र गलत बताई तो अदालत ने दुष्कर्म के दोषी की सजा निलंबित की

पीड़िता ने उम्र गलत बताई तो अदालत ने दुष्कर्म के दोषी की सजा निलंबित की

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  • Publish Date - March 25, 2023 / 05:20 PM IST,
    Updated On - March 25, 2023 / 05:52 PM IST

नयी दिल्ली, 25 मार्च (भाषा) दिल्ली उच्च न्यायालय ने एक नाबालिग लड़की से दुष्कर्म के दोषी की सजा पर यह कहते हुए रोक लगा दी कि लड़की अपने आप को बालिग बताकर अपनी मर्जी से लड़के के साथ गयी थी।

न्यायमूर्ति जसमीत सिंह ने शुक्रवार को एक आदेश में कहा कि लड़की 17 साल चार महीने की थी जब वह एक व्यक्ति के साथ चली गयी थी और इसके बाद दोनों का एक बच्चा हुआ जो लड़की के पास है।

उच्च न्यायालय अपनी दोषसिद्धि तथा 12 साल की सजा को चुनौती दे रहे एक व्यक्ति द्वारा दायर अपील पर सुनवाई कर रहा था। अदालत ने अपील पर सुनवाई चलने के दौरान कुछ शर्तों के साथ अपीलकर्ता की सजा निलंबित कर दी। अदालत ने शर्त लगायी है कि दोषी व्यक्ति लड़की की मर्जी के बिना उसकी तथा उसके बच्चे की जिंदगी में दखल नहीं देगा।

लड़की ने एक मजिस्ट्रेट के समक्ष दर्ज कराए अपने बयान में कहा कि वह ‘‘अपनी मर्जी’’ से लड़के के साथ गयी थी और ‘‘वह उससे प्यार करती थी’’ तथा उसे जमानत पर रिहा किया जाए।

अपनी गवाही में भी लड़की ने कहा कि उसने दोषी व्यक्ति को अपनी उम्र गलत बतायी थी कि वह बालिग है।

अदालत ने दिल्ली राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण को लड़की को फौरन चार लाख रुपये का मुआवजा देने का भी निर्देश दिया।

भाषा गोला नरेश

नरेश