नयी दिल्ली, 30 नवंबर (भाषा) केंद्रीय सूचना आयोग (सीआईसी) और राज्य सूचना आयोगों (एसआईसी) में लंबित मामलों की बढ़ती संख्या के बीच, उच्चतम न्यायालय इन रिक्तियों को भरने के निर्देश संबंधी याचिकाओं पर सोमवार को सुनवाई करेगा।
प्रधान न्यायाधीश सूर्यकांत और न्यायमूर्ति जॉयमाल्या बागची की पीठ सामाजिक कार्यकर्ता अंजलि भारद्वाज और अन्य द्वारा दायर याचिकाओं पर सुनवाई करेगी। शीर्ष अदालत ने इससे पहले, केंद्र को सीआईसी और एसआईसी में रिक्तियों को शीघ्रता से भरने का निर्देश दिया था।
पीठ ने 27 नवंबर को मामले की सुनवाई उस वक्त टाल दी थी, जब अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल के. एम. नटराज ने उसे सूचित किया था कि सूचना का अधिकार अधिनियम, 2005 की धारा 12(3) के तहत गठित चयन समिति की बैठक 28 अक्टूबर 2025 को होनी थी, लेकिन यह नहीं हो सकी।
पीठ ने नटराज को कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग (डीओपीटी) से बात करने और उन्हें कुल रिक्तियों से अवगत कराने का निर्देश देते हुए कहा था, ‘‘हमारे पास इस बात पर संदेह करने का कोई कारण नहीं है कि सक्षम प्राधिकार उपलब्ध रिक्तियों को भरने के लिए आवश्यक पहल करेगा।’’
शीर्ष अदालत ने उल्लेख किया था कि राजस्थान, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल और कर्नाटक जैसे राज्यों ने मोटे तौर पर सभी रिक्तियों को भर दिया है और उनके सूचना आयोग पूरी क्षमता से काम कर रहे हैं, जबकि छत्तीसगढ़ में छह सप्ताह के भीतर रिक्तियों को भर दिया जाएगा।
पीठ ने याचिकाकर्ता की ओर से पेश हुए अधिवक्ता प्रशांत भूषण की इस दलील पर गौर किया कि मध्यप्रदेश में सूचना आयुक्त के सात पद रिक्त हैं।
शीर्ष अदालत ने मध्यप्रदेश के मुख्य सचिव को निर्देश दिया था कि यदि सूचना आयुक्तों की नियुक्ति की प्रक्रिया शुरू नहीं हुई है, तो उसे तुरंत शुरू किया जाए और इस न्यायालय में अनुपालन हलफनामा दाखिल करें।
पीठ ने कहा था, ‘‘यह स्पष्ट किया जाता है कि यदि सुनवाई की अगली तारीख से पहले आवश्यक कार्रवाई नहीं की जाती है, तो मुख्य सचिव को उस दिन इस न्यायालय के समक्ष व्यक्तिगत रूप से उपस्थित रहना होगा।
कार्यकर्ता भारद्वाज और अन्य ने दलील दी है कि शीर्ष अदालत ने 2019 में सीआईसी और एसआईसी में पदों को भरने के लिए मौलिक निर्देश जारी किए थे, लेकिन राज्यों ने चयन प्रक्रिया में देरी की और सूचना के अधिकार अधिनियम को लगभग खत्म कर दिया।
शीर्ष अदालत ने 26 नवंबर 2024 को, इस मामले पर कड़ा रुख अपनाया और पदों को भरने के लिए उठाए गए कदमों से केंद्र और राज्यों को अवगत कराने को कहा।
भारद्वाज की याचिका में कहा गया है कि केंद्र और राज्यों ने सीआईसी और एसआईसी में समय पर पदों को भरने सहित अन्य मुद्दों पर शीर्ष अदालत के 2019 के फैसले का पालन नहीं किया।
भाषा सुभाष सुरेश
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