कोविड-19: विशेषज्ञों ने प्लाज्मा के अतार्किक और गैर-वैज्ञानिक इस्तेमाल को लेकर आगाह किया

कोविड-19: विशेषज्ञों ने प्लाज्मा के अतार्किक और गैर-वैज्ञानिक इस्तेमाल को लेकर आगाह किया

कोविड-19: विशेषज्ञों ने प्लाज्मा के अतार्किक और गैर-वैज्ञानिक इस्तेमाल को लेकर आगाह किया
Modified Date: November 29, 2022 / 08:22 pm IST
Published Date: May 11, 2021 12:05 pm IST

नयी दिल्ली, 11 मई (भाषा) देश के कुछ चिकित्सकों और वैज्ञानिकों ने कोविड-19 रोगियों के इलाज में स्वस्थ्य हो चुके लोगों के प्लाज्मा के ”अतार्कित तथा गैर-वैज्ञानिक इस्तेमाल” के प्रति आगाह करते हुए प्रधान विज्ञान विधि सलाहकार के विजय राघवन को पत्र लिखा है।

जन स्वास्थ्य पेशेवरों ने कहा कि कोविड-19 रोगियों के इलाज में प्लाज्मा थैरेपी के इस्तेमाल को लेकर मौजूदा साक्ष्य तथा भारतीय आयुर्विज्ञान परिषद (आईसीएमआर) के दिशा-निर्देश मौजूदा साक्ष्यों पर आधारित नहीं हैं।

टीका संबंधी मामलों के विशेषज्ञ गगनदीप कांग और सर्जन प्रमेश सीएस द्वारा हस्ताक्षर किये गए इस पत्र में प्लाज्मा थैरेपी के अतार्किक इस्तेमाल के चलते वायरस के और अधिक खतरनाक स्वरूप के पैदा होने की आशंका जतायी गई है।

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पत्र में कहा गया है, ”हम देश में कोविड-19 रोगियों के इलाज में, स्वस्थ हो चुके लोगों के प्लाज्मा के अतार्किक और गैर-वैज्ञानिक इस्तेमाल के बारे में आपको पत्र लिख रहे हैं।”

पत्र में लिखा है, ”ऐसा सरकारी एजेंसियों द्वारा जारी दिशा-निर्देशों के कारण हुआ है। हम आपसे इस मामले में तत्काल हस्तक्षेप करने का अनुरोध करते हैं ताकि कोविड-19 रोगियों, उनके परिवारों, चिकित्सकों और कोविड-19 से उबर चुके लोगों को उत्पीड़न से बचाया जा सके।”

यह पत्र आईसीएमआर के महानिदेशक बलराम भार्गव और एम्स के निदेशक डॉक्टर रणदीप गुलेरिया को भी भेजा गया है।

भाषा जोहेब उमा

उमा


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