उत्तर प्रदेश के नोएडा में साइबर धोखाधड़ी करने वाले गिरोह का भंडाफोड़, तीन लोग गिरफ्तार

उत्तर प्रदेश के नोएडा में साइबर धोखाधड़ी करने वाले गिरोह का भंडाफोड़, तीन लोग गिरफ्तार

उत्तर प्रदेश के नोएडा में साइबर धोखाधड़ी करने वाले गिरोह का भंडाफोड़, तीन लोग गिरफ्तार
Modified Date: February 14, 2025 / 12:23 am IST
Published Date: February 14, 2025 12:23 am IST

नोएडा, 13 फरवरी (भाषा) उत्तर प्रदेश पुलिस के विशेष कार्य बल (एसटीएफ) ने लोगों को ‘डिजिटल अरेस्ट’ कर उनसे गेमिंग या ट्रेडिंग ऐप के जरिए पैसे जमा करवा कर साइबर धोखाधड़ी करने के आरोप में तीन लोगों को गिरफ्तार किया है। अधिकारियों ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी।

अधिकारियों के अनुसार, आरोपियों ने ऐंठी गई रकम को क्रिप्टोकरेंसी में बदलने के लिए एक ‘फर्जी खाते’ का इस्तेमाल किया और फिर ‘हवाला’ नेटवर्क का इस्तेमाल कर रकम को बांट लिया।

पुलिस ने बताया कि आरोपियों की पहचान मोहन सिंह उर्फ ​​रॉकी, अरमान और संयम जय के रूप में हुई है तथा उन्हें नोएडा के सेक्टर 45 स्थित एक होटल से गिरफ्तार किया गया।

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अपर पुलिस अधीक्षक (एसटीएफ) नोएडा राज कुमार मिश्र ने बताया, “लंबे समय से सूचना मिल रही थी कि लोगों को ‘डिजिटल अरेस्ट’ कर ठगी की जा रही है और गिरोह के जालसाज सेक्टर-45 स्थित होटल में आने वाले हैं। सूचना के आधार पर एसटीएफ तीनों आरोपियों को पकड़कर सूरजपुर स्थित कार्यालय लाया गया।”

उन्होंने बताया, “गैंग के सरगना मोहन सिंह ने पूछताछ में बताया कि वह 2021 में गोरखुपर के रहने वाले साइबर ठग राजन के संपर्क में आया और धोखाधड़ी के लिए खाता उपलब्ध कराने लगा। धीरे-धीरे उसने रोहन अग्रवाल और हर्षवर्धन गुप्ता के साथ मिलकर एक संगठित साइबर अपराध गिरोह बना लिया, जिसमें संयम जैन और अरमान भी शामिल हो गए। ”

अधिकारी ने बताया कि आरोपियों ने शामली के कौशल शर्मा से प्वॉइंट बीआरई ऐप के जरिये 51 लाख रुपये ठगे थे, वहीं दिल्ली के रोहिणी निवासी महिला को डिजिटल अरेस्ट कर 15 लाख रुपये जबकि मुंबई की महिला से 25 लाख रुपये ऐंठे थे।

उन्होंने बताया कि ये ठग गांवों में जाकर बेरोजगार और जरूरतमंद लोगों को अपने जाल में फंसाते थे तथा हर खाते के बदले पांच से 10 हजार रुपये तक का कमीशन देते थे।

अधिकारी ने बताया कि पैसों के चक्कर में ये लोग अपने आधार कार्ड, पैन कार्ड और बैंक खाते की जानकारी ठगों को सौंप देते थे।

उन्होंने बताया कि आरोपियों को खाता उपलब्ध कराने वालों की भी तलाश की जा रही है।

भाषा सं जितेंद्र

जितेंद्र


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