चक्रवात जवाद का असर, इन राज्यों में हुई भारी बारिश, जनजीवन हुआ अस्त व्यस्त |

चक्रवात जवाद का असर, इन राज्यों में हुई भारी बारिश, जनजीवन हुआ अस्त व्यस्त

पांच दिसंबर (भाषा) चक्रवात ‘जवाद’ के कमजोर होकर निम्न दाब के क्षेत्र में बदलने के बीच पश्चिम बंगाल के दक्षिणी हिस्से और ओडिशा के तटीय क्षेत्र में रविवार को भारी बारिश हुई,

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:40 PM IST, Published Date : December 5, 2021/10:49 pm IST

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भुवनेश्वर/कोलकाता, पांच दिसंबर (भाषा) चक्रवात ‘जवाद’ के कमजोर होकर निम्न दाब के क्षेत्र में बदलने के बीच पश्चिम बंगाल के दक्षिणी हिस्से और ओडिशा के तटीय क्षेत्र में रविवार को भारी बारिश हुई, जिससे जनजीवन बाधित हो गया। मौसम विज्ञान विभाग ने यह जानकारी दी। चक्रवाती तूफान के अगले 12 घंटों के दौरान और कमजोर होकर निम्न दाब के क्षेत्र में बदलने की संभावना है, जिसके परिणामस्वरूप दक्षिण बंगाल के कई जिलों में मंगलवार सुबह तक भारी बारिश हो सकती है।

एक अधिकारी ने बताया कि भारी बारिश से ओडिशा में पारादीप बंदरगाह का कामकाज प्रभावित हुआ, जबकि राज्य के विभिन्न हिस्सों से फसलों को नुकसान पहुंचने की खबरें भी हैं।

पश्चिम बंगाल सरकार ने हुगली नदी पर नौका सेवाएं रोक दी हैं, तटीय इलाकों से लोगों को हटा दिया है और पर्यटकों से समुद्र किनारे बने रिजॉर्ट में न जाने का अनुरोध किया है। एक अधिकारी ने बताया कि तटीय दक्षिण 24 परगना जिले में एक नौका डूब गयी लेकिन किसी के हताहत होने की खबर नहीं है। मछुआरों को अगले 24 घंटे के दौरान बंगाल की खाड़ी के पश्चिमी मध्य और उत्तर पश्चिमी हिस्से और आंध्र प्रदेश, ओडिशा तथा पश्चिम बंगाल तटों पर न जाने के लिए कहा गया है।

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आईएमडी ने रात आठ बजे के अपने बुलेटिन में कहा, ‘‘ओडिशा तट के समीप उत्तर पश्चिमी बंगाल की खाड़ी पर दबाव (चक्रवाती तूफान जवाद के अवशेष) पिछले छह घंटे के दौरान 25 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से उत्तर पूर्व की ओर बढ़ा और वह शाम साढ़े पांच बजे पारादीप (ओडिशा) से करीब 30 किलोमीटर दूर दक्षिणपूर्व में ओडिशा तट के समीप उत्तर पश्चिमी बंगाल की खाड़ी में था।’’ चक्रवात जवाद के अवशेषों के दोपहर को पुरी तट पर पहुंचने पर ओडिशा के तटीय जिलों में बारिश हुई। बाद में चक्रवात पश्चिम बंगाल तट की ओर बढ़ गया।

दक्षिण बंगाल के जिलों जैसे कि उत्तर और दक्षिण 24 परगना, पूर्व और पश्चिम मेदिनीपुर, झारग्राम, कोलकाता, हुगली, बीरभूम, बांकुड़ा और नदिया में रविवार को भारी बारिश हुई। मौसम विज्ञानियों ने बताया कि उत्तर 24 परगना, नदिया और मुर्शिदाबाद जिलों में मंगलवार सुबह तक भारी बारिश होने के आसार हैं।

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सोमवार दोपहर तक पश्चिम बंगाल तट पर 40 से 50 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवा चलने की संभावना है। निम्ब दाब के क्षेत्र के उत्तर की ओर बढ़ने के दौरान ओडिशा में भारी बारिश हुई जबकि गंजाम, पुरी, खुर्दा, जगतसिंहपुर और केंद्रपाड़ा जिलों में बारिश के कारण जनजीवन बाधित हो गया। पारादीप में दोपहर ढ़ाई बजे से साढ़े तीन बजे तक सबसे अधिक 201 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गयी, जिससे बंदरगाह पर सामान को चढ़ाना और उतारना बाधित हो गया।

जगतसिंहपुर में औसतन 100 मिमी. बारिश हुई। पारादीप में 201 मिमी., इरासमा में 188 मिमी., बालीकुडा में 130 मिमी., नुआगांव में 123 मिमी. और कुजांग में 114 मिमी. बारिश दर्ज की गयी।

भुवनेश्वर में क्षेत्रीय मौसम विज्ञान केंद्र ने अगले 12 घंटों में राज्य में 14 जिलों के लिए भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है। मौसम विज्ञान कार्यालय ने बताया कि कोलकाता में रविवार को सुबह साढ़े आठ बजे तक 24 घंटे में 5.5 मिमी. बारिश हुई। दीघा में 19.7 मिमी. जबकि मेदिनीपुर में 16 मिमी. और कलईकुंडा में 15 मिमी. बारिश हुई।

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दक्षिण बंगाल में विभिन्न समुद्र तटों, तालाबों और जलाशयों में जल स्तर में वृद्धि देखी गयी। राज्य प्रशासन ने पर्यटकों से सप्ताहांत में समुद्र तटीय रिसॉर्ट जैसे दीघा, मंदारमणि, बक्खाली, फ्रेजरगंज और अन्य तटीय क्षेत्रों में नहीं जाने को कहा है।

हालांकि, मौसम विभाग के पूर्वानुमान के साथ कि पश्चिम बंगाल में चक्रवाती तूफान नहीं आएगा, पर्यटकों को पूर्व मेदिनीपुर जिले के दीघा और दक्षिण 24 परगना के बक्खाली में पानी में उतरते और तड़के समुद्र की तस्वीरें लेते देखा गया, जिन्होंने वहां डेरा डाले हुए आपदा प्रबंधनकर्मियों की चेतावनी की अनदेखी की। अधिकारी ने बताया कि उत्तर 24 परगना और हुगली जिलों को जोड़ने वाली हुगली पर नियमित नौका सेवाएं निलंबित कर दी गई हैं। आईएमडी ने अनुमान व्यक्त किया है कि तटीय क्षेत्रों में हवा की गति 55 किमी प्रति घंटे से अधिक नहीं होगी, जब तूफान पश्चिम बंगाल के करीब पहुंचेगा।

एक अन्य अधिकारी ने बताया कि पश्चिम बंगाल सरकार ने दक्षिण 24 परगना और पूर्व मेदिनीपुर के तटीय इलाकों से करीब 24,375 लोगों को निकाला है और दोनों जिलों में 82 राहत केंद्र खोले गए हैं। उन्होंने कहा कि प्रशासन ने किसी भी ‘आपात स्थिति’ से निपटने के लिए 115 बहुउद्देशीय चक्रवात आश्रय स्थल और 135 अतिरिक्त अस्थायी राहत शिविर भी खोले हैं।

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उन्होंने कहा, ‘‘हमने अगले कुछ दिनों में भारी बारिश के कारण किसी भी समस्या से निपटने के लिए सब कुछ तैयार रखा है। सभी कर्मचारियों के साप्ताहिक अवकाश और अन्य अवकाश रद्द कर दिए गए हैं।’’ अधिकारी ने बताया कि पश्चिम बंगाल में राष्ट्रीय आपदा मोचन बल के 19 दलों को तैनात किया गया है और राज्य बिजली और लोक निर्माण विभाग के प्रतिक्रिया दलों को अहम स्थानों पर तैनात किया गया है। सभी मछुआरे काकद्वीप, दीघा और अन्य तटीय इलाकों में लौट आए हैं लेकिन प्राधिकारी मछुआरा संघों के साथ मिलकर यह पता लगा रहे हैं कि क्या कोई अब भी गहरे समुद्र में मौजूद है।

एक अधिकारी ने बताया कि दक्षिण 24 परगना जिले में एक नौका डूब गयी। हालांकि कोई हताहत नहीं हुआ। घटना के बाद फसलों, पशुओं और मछलियों को हुए नुकसान का आकलन किया जा रहा है। राज्य के मंत्री फरहाद हाकिम ने कहा कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी लगातार स्थिति की निगरानी कर रही हैं और नगर निकायों के अधिकारी सतर्क हैं।