सरकारी स्टांप में होती है बेटियों की सौदेबाजी, पिता खुद करता है ये काम, महिलाओं ने कलेक्टर से लगाई गुहार
भीलवाडा जिले की दो महिलाएं जिला कलेक्टर से मिलने पहुंची और न्याय की गुहार लगाई। दरअसल, उनके परिवार की बेटियों को बेच दिया गया है
Government stamp daughters bargaining
Government stamp daughters bargaining : भीलवाड़ा — राजस्थान के भीलवाड़ा से एक अजब—गजब मामला सामने आया है। जहां भीलवाडा जिले की दो महिलाएं जिला कलेक्टर से मिलने पहुंची और न्याय की गुहार लगाई। दरअसल, उनके परिवार की बेटियों को बेच दिया गया है जिससे महिला ने कलेक्टर से कहा कि उन्हें बचा लो। इतना ही नहीं स्टाम्प पर बेटियों को बेचने के मामले के उदाहरण सामने आने पर राज्य महिला आयोग और पुलिस की जांच पर सवाल उठने लगे है। दोनों की विभागों ने इस मामले को झूठा करार दिया है।
Government stamp daughters bargaining : यह पूरा मामला भीलवाड़ा जिले के मांडलगढ क्षेत्र का है। जहां पर महिलाओं ने जिला न्यायाधीश के समक्ष अपनी परेशानी का बखान किया कि किस तरह दलालों के माध्यम से परिवार की बेटियों को बेच दिया गया है। एक महिला ने बताया कि उसकी ननद का सौदा साढे तीन लाख रूपए में कर दिया गया जबकि दूसरी महिला ने बताया कि उसकी आठ साल की बेटी का सौदा दलालों के जरिए कर दिया। दस साल से वह अपनी बेटी का मुंह तक नहीं देख पाई है। जिसके चलते महिलाएं अपनी गुहार लेकर महोदय के पास पहुंची।
जिला कलेक्टर के समक्ष चार नाम किए पेश
Government stamp daughters bargaining : एक महिला ने जिला कलेक्टर को बताया कि उसके ससुर और पति ने कर्ज में आने के बाद उसकी दो ननदों को देह व्यापार करवाने वाले दलालों को बेच दिया था। महिलाओं ने जिला कलक्टर को उन चार दलालों के नाम भी दिए, जिनके जरिए उनके परिवार की बेटियों को बेच दिया गया। अब जिला कलेक्टर ने मांडलगढ़ थाना पुलिस को मामला दर्ज करने के आदेश दिए हैं, जिनमें से दो सवाई माधोपुर जिले के जबकि अन्य दो भीलवाड़ा के हैं। बताया गया कि बेटियों को खरीदने वाले दलालों में सवाईमाधोपुर जिले के पालनपुर निवासी मुकेश, गायत्री पत्नी मुकेश, मांडलगढ़ निवासी सरिना पत्नी गोपाल और कमला पत्नी रुपा शामिल हैं।
3.5 लाख में हुआ दोनों का सौदा
Government stamp daughters bargaining : एक महिला ने जिला कलेक्टर को बताया कि वह मांडलगढ़ थाना क्षेत्र के एक गांव की है। दस साल पहले मेरे परिवार पर काफी कर्जा हो चुका था। मेरे ससुर और पति कर्जा नहीं चुका पाया। दलाल मूल रकम पर ब्याज बढ़ाते जा रहे थे और घर आकर उन्हें परेशान करने लगे। जिसके बाद उन्होंने उनकी 8 साल और 7 साल की दो ननदों का सौदा दलालों से 3.5 लाख में कर दिया। इस बात को 10 साल बीत चुके हैं। दलालों से जब उनकी ननदों के बारे में पूछा जाता वह गालीगलौज कर भगा देते हैं।
पिता ने किया 7 साल की बेटी का सौदा
Government stamp daughters bargaining : इसी तरह का मामला दूसरी महिला का है। शराबी पिता ने दलालों से काफी पैसा उधार ले लिया। जब वह पैसा नहीं चुका पाया तो सात साल की बेटी का सौदा दलालों से कर दिया। स्टाम्प पर लिखा-पढ़ी कर बेटी को दलालों को बेच दिया। इस बात को 10 साल बीत गए। जब कभी दलालों से बेटी को लौटाने की बात कहते हैं तो वह पंद्रह लाख रुपए मांगते हैं। घर के हालात ऐसे हैं कि दो समय खाने को भोजन नहीं, ऐसे में बेटी छुड़ाने के लिए 15 लाख कहां से दूंं। इस मामले में जिला कलक्टर आशीष मोदी का कहना है कि दो महिलाएं आई थीं, मांडलगढ़ थाना पुलिस को मामला दर्ज कर जांच के निर्देश दिए हैं।

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