कर्ज में डूबे पंजाब को बजटीय आवंटन का उचित हिस्सा मिले : आप
कर्ज में डूबे पंजाब को बजटीय आवंटन का उचित हिस्सा मिले : आप
नयी दिल्ली, 26 जुलाई (भाषा) आम आदमी पार्टी (आप) ने आम बजट में पंजाब के लिए विशेष प्रावधान नहीं किए जाने पर अफसोस जताते हुए शुक्रवार को कहा कि देश के बंटवारे का सबसे ज्यादा दर्द सहने वाला यह सूबा इन दिनों मुश्किल में है और तीन लाख करोड़ रुपये के कर्ज में डूबा हुआ है।
राज्यसभा में आम बजट 2024-25 पर हुई चर्चा में भाग लेते हुए आप के विक्रमजीत सिंह साहनी ने केंद्र सरकार से बजटीय आवंटन का उचित हिस्सा पंजाब को दिए जाने की मांग की।
उन्होंने कहा, ‘‘बजट में कई राज्य को विशेष मदद दी गई जो बहुत अच्छी बात है। मैं वित्त मंत्री की सराहना करता हूं लेकिन साथ ही दुख प्रकट करता हूं कि पंजाब के लिए कोई प्रावधान नहीं किया गया।’’
साहनी ने कहा कि पंजाब वह सूबा है जिसने देश के बंटवारे का सबसे ज्यादा दर्द सहा, जिसने उग्रवाद और आतंकवाद के मुश्किल दिन देखे, जिसने अपनी छाती सूखाकर देश को हरित क्रांति दी लेकिन आज वही पंजाब ‘काफी मुश्किल’ में है।
उन्होंने कहा, ‘‘पंजाब पर तीन लाख करोड़ रुपये से ज्यादा का कर्ज है। मैं वित्त मंत्री से दरख्वास्त करता हूं। 1.5 लाख करोड रुपये का बजटीय आवंटन है। इसमें से राज्यों को 50 साल के लिए ब्याज मुक्त ऋण दिया जाएगा। पंजाब को इसका उचित हिस्सा मिलना चाहिए।’’
आप सदस्य ने कहा कि वित्त मंत्री ने गरीब, युवा और नारी शक्ति पर अपना बजट केंद्रित रखा है लेकिन जहां तक गरीब की बात है तो आज भी प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्य योजना के तहत देश के 80 करोड़ लोगों को राशन दिया जा रहा है।
उन्होंने कहा, ‘‘यह सदन को सोचना होगा कि कब तक हम फ्री राशन देंगे। कैसे हम उनको आत्मनिर्भर बनाएं, इसके बारे में सदन को सोचना होगा। सामाजिक विषमता बढ़ रही है, उसके बारे में भी सोचना होगा। सिर्फ एक प्रतिशत लोगों के पास देश का 42 प्रतिशत वेल्थ (संपत्ति) है।’’
उन्होंने कहा कि न्यूनतम समर्थन मूल्य को लेकर बनी समिति की रिपोर्ट जल्द से जल्द पेश की जानी चाहिए और उस पर सदन में चर्चा होनी चाहिए।
उन्होंने ज्वार, बाजरा और रागी जैसे मोटे अनाजों को प्रोत्साहित करने के सरकार के प्रयासों की सराहना की और कहा कि इसे सार्वजनिक वितरण प्रणाली और ‘मिड डे’ योजना में शामिल करना चाहिए तभी किसान इनका अत्यधिक उत्पादन करेंगे।
उन्होंने कौशल को नौकरी से जोड़ने और अग्निपथ योजना की समीक्षा किए जाने की भी मांग उठाई।
उन्होंने कहा, ‘‘चार साल बाद अग्निवीरों को खाली सड़क पर नहीं छोड़ सकते। चार साल बाद उन्हें केंद्रीय बलों में समायोजित करने के लिए सभी को मिलकर समाधान निकालना चाहिए।’’
उन्होंने कहा कि मुद्रा योजना के तहत ऋण की राशि 20 लाख तक कर दी गई लेकिन इसके तहत लाभ लेने में बहुत सारी परेशानियों का सामना करना पड़ता है।
उन्होंने कहा, ‘‘बैंकों से मुद्रा योजना नहीं मिल रही है। सरकार को इसका सर्वेक्षण करना चाहिए।’’
उन्होंने पंजाब के लुधियाना या जालंधर में एक बड़ा औद्योगिक पार्क स्थापित करने और पंजाब में ‘कॉमर्स’ निर्यात केंद्र बनाए जाने की भी मांग की।
भाषा ब्रजेन्द्र
ब्रजेन्द्र अविनाश
अविनाश

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