नयी दिल्ली, 20 सितंबर (भाषा) दिल्ली की एक अदालत ने मंगलवार को एक हस्तक्षेप याचिका खारिज कर दी। इस याचिका में दावा किया गया था कि कुतुब मीनार के अंदर एक कथित मंदिर परिसर में हिंदू और जैन देवी-देवताओं की मूर्तियां पुनर्स्थापित करने की अपील से संबंधित याचिका में आवेदक एक “आवश्यक पक्ष” है।
अदालत ने 13 सितंबर को कुंवर महेंद्र ध्वज प्रताप सिंह की इस हस्तक्षेप याचिका पर आदेश सुरक्षित रखा था। सिंह ने दावा किया था कि वह ‘संयुक्त आगरा प्रांत’ के तत्कालीन शासक के उत्तराधिकारी हैं और वह दिल्ली तथा इसके आसपास कई शहरों में भूखंडों के मालिक है, जिनमें कुतुब मीनार भी शामिल है।
अतिरिक्त जिला न्यायाधीश दिनेश कुमार ने याचिका खारिज करते हुए अपील पर दलीलों की सुनवाई के लिए मामले को 19 अक्टूबर को सूचीबद्ध कर दिया।
मामले से संबंधित आदेश की प्रतीक्षा की जा रही है।
मौजूदा मामले में एक निचली अदालत के आदेश के खिलाफ अपील दाखिल की गई है। निचली अदालत ने जैन तीर्थंकर भगवान ऋषभ देव की ओर से अधिवक्ता हरिशंकर जैन द्वारा दाखिल वाद को खारिज कर दिया था।
इस वाद में दावा किया गया था कि मोहम्मद गौरी की सेना के एक सेनापति कुतुबद्दीन ऐबक ने 27 मंदिरों को आंशिक रूप से ध्वस्त कर दिया गया था, और इनकी सामग्री का इस्तेमाल करके परिसर के अंदर कुव्वत-उल-इस्लाम मस्जिद बनाई गई थी।
भाषा जोहेब माधव
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