आकार पटेल मामले में सीबीआई की याचिका पर दिल्ली की अदालत ने सुरक्षित रखा आदेश |

आकार पटेल मामले में सीबीआई की याचिका पर दिल्ली की अदालत ने सुरक्षित रखा आदेश

आकार पटेल मामले में सीबीआई की याचिका पर दिल्ली की अदालत ने सुरक्षित रखा आदेश

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:38 PM IST, Published Date : April 12, 2022/6:50 pm IST

नयी दिल्ली, 12 अप्रैल (भाषा) दिल्ली की एक अदालत ने एमनेस्टी इंटरनेशनल इंडिया बोर्ड के अध्यक्ष आकार पटेल के खिलाफ विदेशी चंदा (विनियमन) अधिनियम (एफसीआरए) के कथित उल्लंघन से संबंधित मामले में जारी लुक आउट सर्कुलर (एलओसी) को वापस लेने व उनसे माफी मांगने के आदेश को चुनौती देने वाली सीबीआई की अर्जी पर मंगलवार को अपना आदेश सुरक्षित रख लिया।

विशेष न्यायाधीश संतोष स्नेही मान ने मजिस्ट्रेट अदालत के फैसले में संशोधन की मांग वाली एजेंसी की याचिका पर सीबीआई और पटेल की ओर से पेश वकील की दलीलें सुनने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया।

न्यायाधीश ने मजिस्ट्रेट अदालत के आदेश पर रोक को पुनरीक्षण याचिका पर अंतिम निर्णय होने तक के लिए भी बढ़ा दिया।

न्यायाधीश ने कहा, “मैं प्रतिवेदन (सीबीआई वकील द्वारा किए गए) से आश्वस्त हूं। पुनरीक्षण याचिका के अंतिम निर्णय तक आक्षेपित आदेश के क्रियान्वयन पर रोक लगा दी गई है।”

न्यायाधीश ने आठ अप्रैल को पटेल को अदालत की पूर्व अनुमति के बिना देश नहीं छोड़ने का निर्देश दिया था, जबकि एफसीआरए के कथित उल्लंघन से संबंधित मामले में मजिस्ट्रेट अदालत के आदेश पर रोक लगा दी थी।

न्यायाधीश ने कहा था कि पटेल को औपचारिक जवाब दाखिल करने के लिए उचित अवसर दिए जाने की जरूरत है।

अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपॉलिटिन मजिस्ट्रेट पवन कुमार ने सात अप्रैल को आदेश पारित किया था और जांच एजेंसी को तुरंत एलओसी वापस लेने और पटेल से माफी मांगने का निर्देश दिया था।

इस बीच, पटेल को उसी दिन शाम एक हवाईअड्डे पर फिर से रोक दिया गया और उन्हें सूचित किया गया कि सीबीआई ने एलओसी वापस नहीं लिया है।

पटेल की याचिका में 30 मई तक विभिन्न विश्वविद्यालयों द्वारा आयोजित व्याख्यान और उनके विदेशी कामकाज के लिए अमेरिका जाने की अदालत से अनुमति मांगी गई थी।

याचिका में कहा गया कि पटेल को छह अप्रैल को बेंगलुरु अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर आव्रजन अधिकारियों द्वारा रोका गया था, जब वह अमेरिका के लिए एक उड़ान में सवार हो रहे थे।

याचिका में दावा किया गया कि गुजरात की एक अदालत द्वारा उन्हें विदेश यात्रा की अनुमति देने के आदेश के बावजूद कार्रवाई की गई।

भाषा

प्रशांत उमा

उमा

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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