8th Pay Commission: कर्मचारियों के सैलरी में पड़ेगा फिटमेंट फैक्टर का सीधा असर, कम होगा या ज्यादा? जानें जवाब

8th Pay Commission : एक बड़ा सवाल लोगों के बीच चर्चा का विषय बना हुआ है कि क्या फिटमेंट फैक्टर को कम या ज्यादा किया जा सकता है? तो आइए हम जानते हैं कि आखिर इस सवाल का सही जवाब क्या है।

8th Pay Commission: कर्मचारियों के सैलरी में पड़ेगा फिटमेंट फैक्टर का सीधा असर, कम होगा या ज्यादा? जानें जवाब

8th Pay Commission update

Modified Date: December 27, 2025 / 06:31 pm IST
Published Date: December 27, 2025 6:30 pm IST
HIGHLIGHTS
  • 31 दिसंबर 2025 को सातवें वेतन आयोग का कार्यकाल खत्म
  • रिवाइज होगा कर्मचारियों का मूल वेतन और पेंशन
  • कम या ज्यादा किया जा सकता है फिटमेंट फैक्टर

8th Pay Commission: तीन दिनों बाद यानि 31 दिसंबर 2025 को सातवें वेतन आयोग का कार्यकाल खत्म हो जाएगा। इस बीच सभी कर्मचारियों को उम्मीद है कि नया वेतन ढांचा 1 जनवरी 2026 से लागू होगा। वहीं एक बड़ा सवाल लोगों के बीच चर्चा का विषय बना हुआ है कि क्या फिटमेंट फैक्टर को कम या ज्यादा किया जा सकता है? तो आइए हम जानते हैं कि आखिर इस सवाल का सही जवाब क्या है।

जानें क्या है फिटमेंट फैक्टर ?

दरअसल, फिटमेंट फैक्टर एक मल्टीप्लायर है, जिसका इस्तेमाल केंद्र सरकार के कर्मचारियों के मूल वेतन और पेंशन को रिवाइज करने के लिए किया जाता है। जब भी कोई नया वेतन आयोग लागू होता है तो मौजूदा मूल वेतन को फिटमेंट फैक्टर से गुणा करके रिवाइज्ड मूल वेतन निकाला जाता है। इस संख्या का वेतन, भत्ते, पेंशन और कुल टेक होम सैलेरी पर काफी ज्यादा प्रभाव पड़ता है।

क्या बढ़ाया जा सकता है फिटमेंट फैक्टर?

8th Pay Commission update, तो आपको बता दें कि फिटमेंट फैक्टर को बढ़ाया जा सकता है और कर्मचारी यूनियन भी काफी समय से यही मांग कर रहे हैं। अलग-अलग कर्मचारी संघों ने 3.68 के फिटमेंट फैक्टर की मांग की है, उनका तर्क है की बढ़ती महंगाई, जीवन यापन की बढ़ती लागत और स्थिर वास्तविक वेतन इस बड़ी बढ़ोतरी को सही ठहराते हैं।

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क्या संभव है कम फिटमेंट फैक्टर?

वहीं यह भी बता दें कि फिटमेंट फैक्टर को कम भी किया जा सकता है। यह सरकार की वित्तीय स्थिति, टैक्स राजस्व, सब्सिडी के बोझ और कुल आर्थिक स्थितियों पर डिपेंड होता है। इसी के साथ यह भी बता दें कि अगर सरकार वित्तीय अनुशासन और घाटे को कंट्रोल करने को प्राथमिकता देती है तो वेतन और पेंशन खर्चे में अचानक बढ़ोतरी से बचने के लिए फिटमेंट फैक्टर को मामूली रखा जा सकता है, घटाया जा सकता है।

8th Pay Commission update, यह अनुमान है कि आठवां वेतनमान 2027 के अंतिम या 2028 के शुरूआत में लागू किया जा सकता है। जाहिर है कि आठवें वेतन आयोग के लागू होने तक महंगाई भत्ते के 60 से 70% तक पहुंचाने का अनुमान है। कहा यह भी जा रहा है कि इस महंगाई भत्ते को मूल वेतन में विलय करने के बाद फिटमेंट फैक्टर की गणना की जाएगी। फिटमेंट फैक्टर पर आखिरी फैसला सिर्फ केंद्रीय कैबिनेट द्वारा ही लिया जाएगा। क्योंकि यह आयोग की सिफारिशों को संशोधित करने का भी अधिकार रखती है।

इस मामले में खास बात यह भी है कि अभी तक सरकार ने कोई ऑफिशियल फिटमेंट फैक्टर अनाउंस नहीं किया है। एक बार जब आठवां वेतन आयोग औपचारिक रूप से बन जाएगा, तो पैनल को अपनी सिफारिशें देने से पहले सैलरी, महंगाई के ट्रेंड और कर्मचारियों की मांग को समझने के लिए लगभग 18 महीने का समय मिलेगा। इस रिपोर्ट को कैबिनेट द्वारा स्वीकार करने के बाद ही फाइनल फिटमेंट फैक्टर का पता लगाया जा सकेगा।


सामान्यतः पूछे जाने वाले प्रश्नः

लेखक के बारे में

डॉ.अनिल शुक्ला, 2019 से CG-MP के प्रतिष्ठित न्यूज चैनल IBC24 के डिजिटल ​डिपार्टमेंट में Senior Associate Producer हैं। 2024 में महात्मा गांधी ग्रामोदय विश्वविद्यालय से Journalism and Mass Communication विषय में Ph.D अवॉर्ड हो चुके हैं। महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय वर्धा से M.Phil और कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय, रायपुर से M.sc (EM) में पोस्ट ग्रेजुएशन किया। जहां प्रावीण्य सूची में प्रथम आने के लिए तिब्बती धर्मगुरू दलाई लामा के हाथों गोल्ड मेडल प्राप्त किया। इन्होंने गुरूघासीदास विश्वविद्यालय बिलासपुर से हिंदी साहित्य में एम.ए किया। इनके अलावा PGDJMC और PGDRD एक वर्षीय डिप्लोमा कोर्स भी किया। डॉ.अनिल शुक्ला ने मीडिया एवं जनसंचार से संबंधित दर्जन भर से अधिक कार्यशाला, सेमीनार, मीडिया संगो​ष्ठी में सहभागिता की। इनके तमाम प्रतिष्ठित पत्र पत्रिकाओं में लेख और शोध पत्र प्रकाशित हैं। डॉ.अनिल शुक्ला को रिपोर्टर, एंकर और कंटेट राइटर के बतौर मीडिया के क्षेत्र में काम करने का 15 वर्ष से अधिक का अनुभव है। इस पर मेल आईडी पर संपर्क करें anilshuklamedia@gmail.com