दिल्ली की अदालत ने पीएफआई के खिलाफ ईडी के आरोप पत्र का संज्ञान लिया |

दिल्ली की अदालत ने पीएफआई के खिलाफ ईडी के आरोप पत्र का संज्ञान लिया

दिल्ली की अदालत ने पीएफआई के खिलाफ ईडी के आरोप पत्र का संज्ञान लिया

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:17 PM IST, Published Date : November 21, 2022/7:44 pm IST

नयी दिल्ली, 21 नवंबर (भाषा) दिल्ली की एक अदालत ने आतंकवाद से संबंधित गतिविधियों से जुड़े धन शोधन के एक मामले में पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) और उसके तीन सदस्यों के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा दायर आरोप पत्र का सोमवार को संज्ञान लिया।

विशेष न्यायाधीश शैलेंद्र मलिक ने प्रवर्तन निदेशालय की शिकायत (एजेंसी के आरोप पत्र के समान) पर संज्ञान लिया और जेल अधिकारियों को निर्देश दिया कि आरोपियों परवेज अहमद, मोहम्मद इलियास और अब्दुल मुकीत को 16 दिसंबर को अदालत में पेश किया जाए, जब वह मामले में आगे की सुनवाई करेगी।

ईडी के विशेष सरकारी अभियोजक एन के मट्टा द्वारा दायर आरोप पत्र के अनुसार, अहमद पीएफआई की दिल्ली इकाई का अध्यक्ष था वहीं इलियास इसका महासचिव और मुकीत कार्यालय सचिव था।

उन्हें कथित रूप से 120 करोड़ रुपये के धन शोधन से जुड़े मामले में 22 सितंबर को गिरफ्तार किया गया था।

ईडी ने विधिविरुद्ध क्रियाकलाप (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) के तहत आतंकवाद से संबंधित दंडनीय गतिविधियों के लिए राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) द्वारा दर्ज प्राथमिकी के आधार पर मामला दर्ज किया था।

ईडी ने अपनी अंतिम रिपोर्ट में कहा कि अब तक हुई जांच में पता चला है कि आरोपी और पीएफआई से जुड़े अन्य लोग दान, हवाला और बैंकिंग माध्यमों से धन जमा करने में संलिप्त रहे हैं।

उसने कहा कि इस धन का इस्तेमाल गैरकानूनी गतिविधियों के लिए और अनुसूचित अपराधों के लिए किया जा रहा है।

वकील मोहम्मद फैजान खान के माध्यम से दायर आरोप पत्र के अनुसार जाली नकदी, दान और बैंक लेनदेन का भी पता चला है।

उसने आरोप लगाया कि पीएफआई के पदाधिकारियों द्वारा पिछले कुछ सालों में रची साजिश के तहत अवैध माध्यमों से विदेश से भी भारत में धन भेजा गया।

खबर में दावा किया गया कि मामले में 22 सितंबर को ‘प्रवर्तन मामला प्राथमिकी रिपोर्ट’ दर्ज होने के बाद तीनों आरोपियों के परिसरों में तलाशी ली गयी और पांच मोबाइल फोन भी जब्त किये गये।

आरोप पत्र में आरोपियों और अन्य गवाहों के जांच के दौरान दर्ज किये गये बयान भी हैं।

भाषा वैभव मनीषा

मनीषा

 

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